Sameer Mondal murder case: दस लाख रुपये और मंहगी जमीन के लालच में शूटरों ने किया काम, एक धराया
समीर की हत्या करवाने के लिए जयमंगल हाजरा ने सतीश उर्फ समीर गुप्ता तथा आशीष रंजन को काशीटांड़ तथा बगुला की जमीन में पचास प्रतिशत का पाटर्नर बनाने का लालच दिया था।
धनबाद, जेएनएन। सरायढेला थाना क्षेत्र के बगुला बस्ती में 1.52 एकड़ जमीन के लिए जमीन कारोबारी समीर मंडल की पिछले साल हत्या हुई थी। यह जमीन जयमंगल हाजरा के घर के ठीक सामने थी। जयमंगल हाजरा उस जमीन को लेने के लिए रैयतों से बातचीत कर रहा था। इसी बीच समीर मंडल ने उक्त जमीन के रैयतों से वास्तविक मूल्य से 1.5 गुणा ज्यादा पैसा देकर जमीन पर काम करने के लिए एकरारनामा अपने नाम पर करवा लिया था। इसके पहले ही जयमंगल हाजरा ने समीर मंडल तथा उसके पार्टनर अजय पासवान को उक्त जमीन लेने से मना किया था। बात नहीं मानने पर जयमंगल ने समीर की हत्या करवाने की साजिश रची।
सिटी एसपी आर रामकुमार ने शुक्रवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इस कांड का दूसरा शूटर सतीश गुप्ता उर्फ समीर पुलिस के हाथ नहीं लगा है। सरायढेला पुलिस उसकी तलाश में वासेपुर मिल्लत नगर, के अलावा कुस्तौर तथा धनबाद थाना क्षेत्र में भी संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की है। वह जल्द ही पकड़ा जाएगा। आशीष रंजन की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त 7.62 एमएम की देशी पिस्तौल तथा दो कारतूस पुलिस ने बरामद किए हैं। वहीं एक हथियार सतीश के पास है। उसकी गिरफ्तारी के बाद वह भी मिल जाएगा। इसके अलावा वह काला रंग का हेलमेट भी पुलिस को मिल गया है जिसे घटना के समय पहना गया था। पुलिस ने आशीष रंजन का मोबाइल भी जब्त कर लिया है। जिसमें हत्या के बाद सतीश व आशीष के बीच बातचीत हुई है। कांड का मुख्य साजिशकर्ता जयमंगल हाजरा फिलहाल रंगदारी मामले में धनबाद जेल में बंद है। उसे इस कांड में रिमांड पर लिया जाएगा।
जयमंगल ने काशीटांड़ तथा बगुला में 50 फीसद की सांझेदारी की दिया था लालच
समीर की हत्या करवाने के लिए जयमंगल हाजरा ने सतीश उर्फ समीर गुप्ता तथा आशीष रंजन को काशीटांड़ तथा बगुला की जमीन में पचास प्रतिशत का पाटर्नर बनाने का लालच दिया था। साथ ही हत्या करवाने के लिए दस-दस लाख रुपये दोनों को भुगतान कर दिया था। पैसा व सांझेदारी के लालच में ही सतीश गुप्ता और आशीष रंजन समीर की हत्या के लिए तैयार हो गए। समीर मंडल की हत्या के लिए सतीश गुप्ता ने ही हथियार व बाइक मुहैया कराया था। यह बात आशीष रंजन ने पुलिस के पास दिए गए स्वीकारोक्ति बयान मेंंं बताया है। पुलिस उसके बयान के आधार पर कुछ तकनीकी जांच भी कर रही है। जिसमें हत्या के दिन आशीष रंजन व सतीश से दो बार मोबाइल पर बातचीत हुई है।
पुलिस को दिए बयान में ऐसे हुई थी समीर की हत्या
23 जुलाई 2019 को समीर मंडल जमीन का एकरारनामा बनाने के लिए धनबाद के निबंधन कार्यालय गया हुआ था। उसने अपनी कार रणधीर वर्मा चौक पर लुबी सकुर्लर रोड स्थित यात्री शेड के पास लगाई थी। सतीश ने वहां समीर की कार देखी और घटना को अंजाम देने की प्लानिंग कर ली। उसने तत्काल आशीष रंजन को फोन किया। उस वक्त आशीष रंजन अपने घर जेसी मल्लिक में था। आशीष रंजन ने सतीश को घर पर बुलाया। उसके बाद दोनों प्लानिंग के तहत आशीष की अपाची से वासेपुर मिल्लत नगर गए। वहां आशीष रंजन ने अपनी बाइक खड़ा कर दी तथा दोनों ने वहां काले रंग के कपड़े पहने तथा दो हथियार लेकर सतीश के घर में खड़ी बिना नंबर की हीरो होंडा साइन बाइक लेकर रणधीर वर्मा चौक आ गए। दोनों ने हेलमेट भी पहन लिया था। जब आशीष और सतीश रणधीर वर्मा चौक तैयारी के साथ आए, तब भी समीर मंडल की कार उसी जगह पर खड़ी थी। कार जहां थी उसके ठीक विपरीत दिशा में दोनों बाइक खड़ी कर समीर मंडल के कोर्ट से लौटने का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद ही समीर लौटा और गाड़ी स्टार्ट कर अपने घर कार्मिक नगर के लिए निकल गया। उसके पीछे तेज रफ्तार में आशीष और सतीष बाइक से आगे निकल गए।
हत्या के समय आशीष चला रहा था बाइक
आशीष बाइक चला रहा था और सतीश पीछे बैठा था। कार्मिक नगर में जब समीर मंडल अपने घर के पास पहुंचनेवाला ही था। तभी आशीष ने अपनी बाइक उसकी कार के आगे खड़ा कर दिया और समीर पर रिवाल्वर तान दिया। हथियार के भय से समीर ने गाड़ी रोक दी। उसके बाद सतीश बाइक से उतरा और हथियार दिखाकर कार का शीशा खोलने का इशारा किया। जैसे ही समीर ने शीशा खोला सतीश ने उस पर गोली दाग दिया। इसके बाद आशीष रंजन ने भी समीर पर गोली चलाई। गोली लगने के बाद समीर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसके बाद दोनों हेलमेट पहनकर बाइक से फरार हो गए। पुलिस पूछताछ के दौरान आशीष रंजन ने पुलिस को यह बात बताई है।
समीर को सुनसान जगह पर मारने की थी प्लानिंग
समीर को मारने के लिए पहले सुनसान स्थान की तलाश दोनों शूटर कर रहे थे। यही वजह थी कि रणधीर वर्मा चौक से समीर मंडल आराम से अपनी गाड़ी स्टार्ट कर वहां से निकल गया था। पुलिसिया पूछताछ के दौरान आशीष ने बताया कि जब समीर की गाड़ी कार्मिक नगर उसके घर के आसपास पहुंच गई तो उस जगह पर उस वक्त कोई नहीं था और इसी का फायदा उठाकर दोनों ने घटना को अंजाम दिया।
समीर की हत्या से छह घंटे पूर्व दिल्ली से लौटा था जयमंगल
समीर मंडल की हत्या के दिन ही जयमंगल हाजरा दिल्ली से धनबाद लौटा था। धनबाद स्टेशन पर उसे रिसीव करने के लिए जयमंगल की स्कार्पियो लेकर सतीश तथा आशीष रंजन दोनों गए थे। सतीश ने आशीष को बताया था कि बड़ा भाई दिल्ली से लौट रहा है। दिन में दस बजे के करीब दोनों उसे स्टेशन से घर पहुंचाने के गए थे।
हत्या के बाद रात नौ बजे सतीश व आशीष में हुई थी मोबाइल पर बातचीत
समीर मंडल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद सतीश और आशीष दोनों अपने-अपने घर पहुंच गए थे। इधर पुलिस हत्यारों को ढूढ़ रही थी और दोनों धनबाद छोडऩे की प्लानिंग कर चुके थे। पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान के दौरान जो साक्ष्य जुटाए हैैं उसके मुताबिक रात नौ बजे के करीब आशीष और सतीश के बीच मोबाइल पर बातचीत हुई। पुलिस के अनुसार उसी बातचीत के बाद दोनों ने कुछ दिन के लिए धनबाद छोड़ दिया था। इधर समीर की हत्या को लेकर पुलिस जिला भर के दर्जनों जमीन कारोबारियों को थाना बुलाकर पूछताछ कर रही थी। अजय पासवान तथा समीर के साथ जिन लोगों का जमीन विवाद था उसमें जयमंगल हाजरा का भी नाम था परंतु पुलिस के बुलाने पर भी जयमंगल हाजरा नहीं आ रहा था। जिस कारण पुलिस का शक बढ़ा और पुलिस ने जयमंगल हाजरा पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया।
जयमंगल हाजरा पर जब भेलाटांड़ के मोतीलाल गोप ने रंगदारी मांगने की शिकायत की तो पुलिस को मौका मिला और जयमंगल हाजरा को गिरफ्तार कर थाने में कई बिंदु पर पूछताछ की। इस दौरान पुलिस को आशीष रंजन व सतीश के बारे में पता चला। इधर काफी दिनों से घर छोड़कर फरार आशीष रंजन होली में घर आया था। तब पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की और मामले का खुलासा हो गया।