यहा बिन बुलाए मेहमान रोकते बाल विवाह
बाल विवाह पर सारवा प्रखंड में रोकथाम के लिए नीड्स की पहल की हर ओर सराहना हो रही है।
प्रदीप ¨सह, देवघर: जिला मुख्यालय से तकरीबन 20 किमी की दूरी पर सारवा प्रखंड का कोई व्यक्ति अपनी बेटी की शादी 18 वर्ष या इससे अधिक उम्र में कर रहा है और बिन बुलाए एक समूह पहुंचकर दुल्हन को उपहार देने लगे तो हैरान मत होइए। इसी प्रकार अगर कहीं बाल विवाह की तैयारी है या इसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है और अचानक एक समूह आकर शादी रुकवा दे तो भी आश्चर्य में मत पड़ें, क्योंकि सारवां प्रखंड में ऐसा हो रहा है।
इस काम को अंजाम दे रही है स्वयंसेवी संस्था नीड्स। उसका साथ दे रहे हैं संस्था गूंज के सदस्य।
जी हां, बाल विवाह पर सारवा प्रखंड में रोकथाम के लिए नीड्स की पहल की हर ओर सराहना हो रही है। संस्था का लक्ष्य है कि वर्ष 2020 तक सारवा प्रखंड को बाल विवाह जैसी बुराई से पूरी तरह मुक्त कर देना। नीड्स ने यहां जनवरी 2017 से काम शुरू किया है। गत वर्ष 35 और इस वर्ष अब तक सात यानी कुल 42 बाल विवाह को रोका गया है। अधिकाश में तो अभिभावकों को समझाकर शादी रोकी गई। जबकि एक दर्जन मामलों में स्थानीय प्रशासन का सहयोग लेना पड़ा। इन मामलों में वर-वधूपक्ष से शपथ पत्र लिया गया कि लड़का व लड़की के बालिग होने पर शादी करेंगे।
बाल विवाह की रोकथाम को बच्चे निभा रहे भूमिका: बाल विवाह पर अंकुश के लिए नीड्स ने चर्चा समूह बनाया गया है। प्रखंड की 14 पंचायतों में 60 चर्चा समूह हैं। इनमें 12 से 15 तक किशोर व किशोरी को शामिल किया गया है। इनको बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाने को प्रेरित किया जाता है। यही टीम बाल विवाह के बारे में संस्था के पदाधिकारियों को जानकारी देती है। बाल विवाह की रोकथाम को संस्था की ओर से 35 हजार का दुल्हन शादी सामग्री सेट उन लड़कियों के परिवार को दिया जाता है जिनकी उम्र 18 साल पूरी हो गई हो। साथ ही वह नीड्स के डिस्कशन ग्रुप की सदस्य भी हों। या फिर नीड्स के समूह ने जिनकी शादी 18 साल से पहले नहीं होने दी हो। प्रखंड के किशोर-किशोरियों की दस टीमें ऐसी बनाई गई हैं जो नुक्कड़ नाटक कर बाल विवाह जैसी कुरीति के खिलाफ समाज को जागरूक करती हैं। इसी का परिणाम है कि प्रखंड में बाल विवाह यदि कहीं हो रहा है तो उसकी जानकारी चर्चा समूह तक पहुंच जाती है।
लड़कियों को बनाया जा रहा हुनरमंद: संस्था की ओर से प्रखंड की किशोरियों को कई तरह के हुनर सिखाए जा रहे हैं। कपड़ा सिलाई के साथ लड़कियों को बैंक संबंधी कार्यो के बारे में समझाया जाता है। बाल अधिकार व कानून की जानकारी दी जाती है। ताकि कम उम्र में शादी हो रही हो तो बच्चियां इसका विरोध करें।
दुल्हन सामग्री सेट पाकर हुई निहाल: 20 अप्रैल को बैजूकुरा पंचायत के रायबांध गांव में नीड्स और गूंज के कार्यकर्ताओं ने दिलीप राउत की बेटी ¨रकी कुमारी की शादी में पहुंच उनको दुल्हन शादी सामग्री सेट दिया। 29 अप्रैल को कुशमाहा पंचायत के बांधडीह निवासी लक्ष्मी मंडल की पुत्री सोनिया कुमारी को भी यह सेट दिया गया। दोनों सेट पाकर निहाल हो उठीं। दोनों की शादी बालिग होने के बाद की जा रही थी।
बाल विवाह रोकने में बंधक बने थे पदाधिकारी: दो बार ऐसे मौके भी आए जब बाल विवाह रोकने गए संस्था के सदस्यों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। कई सदस्यों को देख लेने की धमकी भी दी जा चुकी है। बावजूद संस्था के सदस्य इस काम में जुटे हैं।
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''अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह हो रहे हैं। प्रयास है कि इस पर पूरी तरह अंकुश लगे। लोगों का सहयोग मिल रहा है।''
मुरारी चौधरी, कार्यकारी निदेशक, नीड्स