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जानें-काैन थे सोना-सोबरन, जिनके नाम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोबारा शुरू की धोती-साड़ी योजना

वर्ष 2014 में हेमंत सोरेन ने सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना की शुरुआत दुमका से की थी। वर्ष 2015 में रघुवर सरकार ने इसे बंद कर दिया था। योजना के तहत 10 रुपये में एक साड़ी और एक लुंगी या धोती मिलेगी। पीडीएस की दुकान से इसे दिया जाएगा।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 08:40 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 02:32 PM (IST)
जानें-काैन थे सोना-सोबरन, जिनके नाम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोबारा शुरू की धोती-साड़ी योजना
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ( फाइल फोटो)।

राजीव, दुमका। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को दुमका पुलिस लाइन मैदान में सरकार की महत्वाकांक्षी सोना-सोबरन धोती, साड़ी व लुंगी योजना का दोबारा शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री के साथ इस मौके पर खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव और झामुमो अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी थे। हेमंत इस मौके पर कई अन्य योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन भी किया। वर्ष 2014 में हेमंत सोरेन ने ही इस योजना की शुरुआत दुमका से की थी। वर्ष 2015 में रघुवर सरकार ने इसे बंद कर दिया था। योजना के तहत 10 रुपये में एक साड़ी और एक लुंगी या धोती मिलेगी। पीडीएस की दुकान से इसे दिया जाएगा। साल में दो बार इसे दिया जाएगा।

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हेमंत सरकार इस योजना पर खर्च करेगी 200 करोड़ रुपये

अब इसे राजनीति का मिजाज कह लीजिए या फिर सरकारों की प्राथमिकताएं कि एक सरकार जनहित में कोई योजना शुरू करती है तो दूसरी सत्ता में आने पर उसे बंद कर देती है। खासकर झारखंड में यह परिपाटी कोई नई नहीं है। दो दशक की मियाद में ऐसी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को शुरु और बंद किया गया है जो जनहित को ध्यान में रखकर लिए जाते रहे हैं। बहरहाल मामला सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना से जुड़ा है। सोना-सोबरन धोती साड़ी योजना पहली बार वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रारंभ की थी। इस योजना की शुरुआत उस वक्त दुमका की धरती से हुई थी। इसके एक वर्ष बाद ही वर्ष 2015 में रघुवर दास के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया। अब जब रघुवर की सरकार की विदाई हो गई और दोबारा झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार चल रही है तो एक बार फिर से सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना को शुरु किया गया है।

10 रुपये में मिलेगा योजना का लाभ

इस योजना के तहत गरीब बीपीएल परिवारों को एक साड़ी और एक लूंगी अथवा धोती अनुदानित दर मात्र 10 रुपये में पीडीएस के दुकानों से साल में दो बार मिलेगा। इस योजना से राज्य में लगभग 57.10 लाख बीपीएल परिवारों को आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार ने इस पर 200 करोड़ रुपये खर्च करने का प्राविधान किया है। इस योजना का लाभ सिर्फ वैसे झारखंडवासियों का मिलेगा जो गरीबी रेखा के नीचे आते हैं। इसके लिए इन्हें मूल निवासी पत्र, गरीबी रेखा कार्ड , आधार कार्ड, राशन कार्ड की आवश्यकता होगी।

कौन है सोना-सोबरन

सोना सोबरन सोरेन झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के पिता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दादा का नाम है। जब हेमंत सोरेन पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब अपने दादा की नाम सोना सोबरन धोती-साड़ी योजना की शुरुआत की थी। इस योजना को शुरु करने के पीछे उद्देश्य यह कि गरीब, दलित व आदिवासी परिवारों को पीडीएस के माध्यम से अनुदानित दर पर धोती, साड़ी व लूंगी महैया कराया जाए। खासतौर पर आदिवासी समुदाय का मुख्य परिधान धोती, साड़ी व लूंगी है। संताल समुदाय की महिलाएं परिधान के तौर पर साड़ी व लूंगी का इस्तेमाल करती हैं जबकि पुरुष धोती का इस्तेमाल करते हैं।


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