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Dumka Assembly By-election: तीन दिवसीय दाैरे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहुंचे दुमका, हवाईपट्टी पर दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

Dumka Assembly By-Poll नवंबर महीने में दुमका विधानसभा का उपचुनाव होना है। मुख्यमंत्री के दाैरे को उपचुनाव के नजिए से देखा जा रहा है। वे यहां तीन दिन तक प्रवास कर जनता को साधेंगे।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 05:38 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 05:38 PM (IST)
Dumka Assembly By-election: तीन दिवसीय दाैरे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहुंचे दुमका, हवाईपट्टी पर दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
Dumka Assembly By-election: तीन दिवसीय दाैरे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहुंचे दुमका, हवाईपट्टी पर दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

दुमका, जेएनएन। Dumka Assembly By-election झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार शाम तीन दिवसीय दाैरे पर दुमका पहुंचे। दुमका एयरपोर्ट पहुंचने पर मुख्यमंत्री को जिला प्रशासन की तरफ से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। झामुमो के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी स्वागत किया। नवंबर महीने में दुमका विधानसभा का उपचुनाव होना है। मुख्यमंत्री के दाैरे को उपचुनाव के नजिए से देखा जा रहा है। वे यहां तीन दिन तक प्रवास कर दुमका विधानसभा क्षेत्र के मतदातओं को साधने की कोशिश करेंगे। 

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मुख्यमंत्री बनने के दस महीने बाद हेमंत सोरेन के सामने पहली बड़ी चुनाैती आन पड़ी है। यह चुनौती है-दुमका विधानसभा उपचुनाव। सोरेन को अपनी प्रतिष्ठा बचाने और राजनीतिक धाक जमाने के लिए उपचुनाव में विजयश्री वरण करना होगा। इस बात को वे भी राजनीति को अच्छी तरह समझते हैं। यही कारण है कि उपचुनाव की तारीख की घोषणा होने से पहले ही दुमका के रण में उतरना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री सोमवार की शाम दुमका पहुंचे। वे तीन दिन तक प्रवास करेंगे। इस दाैरान झामुमो के पक्ष में हवा बनाएंगे। 

झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 के दाैरान हेमंत सोरेन ने दुमका और बरहेट विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की। मुख्यमंत्री बनने के बाद दुमका विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया। इसी कारण उपचुनाव की नाैबत आई है। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के साथ उपचुनाव कराने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि नवंबर से उपचुनाव हो सकता है। सोरेन के लिए दुमका का उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल है। क्योंकि उन्हीं की खाली की हुई सीट है। उपचुनाव को मुख्यमंत्री हल्के में नहीं ले सकते हैं। दुमका में भाजपा से सीधी चुनाैती मिलती रही है। 2014 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहते हुए सोरेन भाजपा की लुईस मरांडी के हाथों पराजित हो गए थे। उपचुनाव को जीतने के लिए भाजपा भी पूरी ताकत लगा रही है। झामुमो के अंदर की राजनीति भी असहज करने वाली है। मुख्यमंत्री की भाभी जामा की विधायक सीता सोरेन के तेवर भी तल्ख है। वे झामुमो की विधायक होते हुए भी विपक्ष की तरह काम कर रही हैं।


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