Move to Jagran APP

Estimate Scam in DMC: गुमनाम पत्र से सामने आई घोटाले की कहानी, मुख्यमंत्री ने दी पीइ दर्ज करने की अनुमति

Estimate Scam in DMC मुख्यमंत्री ने पीई (प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज करने की अनुमति दी है। पीई दर्ज करने के बाद एसीबी जांच करेगी कि मामला बनता है या नहीं ?

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 01:13 PM (IST)
Estimate Scam in DMC: गुमनाम पत्र से सामने आई घोटाले की कहानी, मुख्यमंत्री ने दी पीइ दर्ज करने की अनुमति
Estimate Scam in DMC: गुमनाम पत्र से सामने आई घोटाले की कहानी, मुख्यमंत्री ने दी पीइ दर्ज करने की अनुमति

रांची/ धनबाद, जेएनएन। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धनबाद नगर निगम में हुए 200 करोड़ रुपये के प्राक्कलन घोटाले की प्रारंभिक जांच की अनुमति दी है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) इस मामले की पड़ताल करेगा। इससे पूर्व भी सीएम ने इस मामले की जांच का आदेश दिया था, परंतु विभागीय उदासीनता के कारण 41 दिनों बाद भी आदेश की कॉपी एसीबी तक नहीं पहुंची थी। दैनिक जागरण ने गत सोमवार के अंक में इससे संबंधित विस्तृत खबर प्रकाशित की थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए सीएम ने विधिवत आदेश जारी कर मामले की जांच करने को कहा है। बहरहाल सीएम के आदेश के बाद प्रशासनिक महकमा रेस हो गया है।

loksabha election banner

बताते चलें कि घोटाले के मुख्य आरोपितों में धनबाद नगर निगम के महापौर व नगर आयुक्त भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह शिकायत मिली थी कि धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की योजना में लगभग 200 करोड़ रुपये का प्राक्कलन घोटाला हुआ है। 14वें वित्त आयोग की राशि से धनबाद नगर निगम में 40 सड़कें स्वीकृत की गई थीं। इन सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी सहित कई खामियां होने की शिकायत की गई थी। यह भी शिकायत मिली थी कि 40 सड़कों में से 27 सड़कों का प्राक्कलन नगर निगम के ही तकनीकी पदाधिकारियों ने तैयार किया था तथा डीपीआर बनाने के एवज में  किसी भी एजेंसी को परामर्शी शुल्क का भुगतान नहीं किया गया था।

सड़कों के साथ नाली, एलईडी लाइट, पेबर ब्लॉक आदि का प्रावधान होने की वजह से परामर्शी एजेंसी मेसर्स मास एंड व्वायड से इसका डीपीआर और डिजाइन तैयार कराया गया। महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल के निर्देश पर पूर्व से निर्मित पीसीसी सड़कों को ही तोड़कर तथा उसकी प्राक्कलित राशि बढ़ाकर फिर से उन्हीं  सड़कों का निर्माण करा दिया गया।  आरोप है कि महापौर ने परामर्शी कंपनी को शुल्क के रूप में बढ़े हुए प्राक्कलन के अनुरूप मोटी रकम देकर उसका 50 फीसद हिस्सा तक वसूला।

धनबाद के  हाउसिंग कॉलोनी के किसी राजकुमार नाम के व्यक्ति ने लोकायुक्त को पत्र लिखकर धनबाद नगर निगम में इंटीग्रेटेड सड़क योजना में लूट की शिकायत की थी। इसके बाद एसबीबी ने जांच शुरू की। अब मुख्यमंत्री ने पीई (प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज करने की अनुमति दी है। पीई दर्ज करने के बाद एसीबी जांच करेगी कि मामला बनता है या नहीं ? पीई जांच में अगर गड़बड़ी मिलती हो तो सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद सरकार ने कांड दर्ज करने का आदेश देगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.