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नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आरंभ

धनबाद : लोक आस्था का महापर्व छठ रविवार को नहाय खाय के साथ आरंभ हो गया। इसके साथ ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 08:28 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 08:28 PM (IST)
नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आरंभ
नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आरंभ

धनबाद : लोक आस्था का महापर्व छठ रविवार को नहाय खाय के साथ आरंभ हो गया। इसके साथ ही अब पूरा कोयलांचल अगले तीन दिनों तक छठमय रहेगा। सोमवार को खरना, मंगलवार को पहला अ‌र्घ्य व बुधवार को दूसरा अ‌र्घ्य है। नहाय खाय को लेकर रविवार सुबह छठ व्रतियों व उनके परिजनों ने अपने घर को पानी से धोकर स्वच्छ किया। कई व्रतियों ने स्थानीय तालाब से पानी लाकर घर को स्वच्छ किया। फिर छठ व्रतियों ने स्नान कर अरवा चावल, दाल व कद्दू की सब्जी तैयार की और अपने परिजनों के साथ कद्दू-भात रूपी प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद छठ व्रती खरना की तैयारी में जुट गई। खरना में खीर का भोग तैयार किया जाता है जिसके लिए व्रतियों ने स्थानीय बाजार में जाकर अरवा चावल, गुड़ आदि की खरीदारी की। बाजार में मंसूरी अरवा चावल 28 से 30 रुपये किलो और गोविंदभोग अरवा चावल 62 से 70 रुपये प्रति किलो बिका। वहीं रवा गुड़ 35 से 36 रुपये प्रति किलो और लड्डू गुड़ 40 रुपये प्रति किलो बिका। खरना का प्रसाद और ठेकुआ बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के बरेली गुड़ आया हुआ है। पूजा में बरेली के गुड़ की मांग अधिक है। छठ के पहले व दूसरे अ‌र्घ्य पर सूर्य देव को घी से तैयार ठेकुआ चढ़ाया जाता है, इसके लिए व्रतियों ने अपने अपने घरों में गेहूं को सुखाया। छठ में आम की लकड़ी का भी बड़ा महत्व है। आम की लकड़ी पर प्रसाद बनाया जाता है। बाजार में आम की लकड़ी 10 रुपये किलो तक बिक रही है।

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