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रोटी व गुड़ की खीर से छठ व्रतियों ने किया खरना, सोमवार को डूबते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य Dhanbad News

नहाय-खाय के बाद रविवार को छठ व्रतियों ने शाम में प्रसाद बनाया और पूजा करने के बाद रोटी और गुड़ की खीर से खरना किया। इसके बाद अन्य लोगों के बीच खरना के प्रसाद का वितरण किया।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 08:35 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 09:51 PM (IST)
रोटी व गुड़ की खीर से छठ व्रतियों ने किया खरना, सोमवार को डूबते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य Dhanbad News
रोटी व गुड़ की खीर से छठ व्रतियों ने किया खरना, सोमवार को डूबते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। चैती छठ शनिवार को शुरू हो चुका है। नहाय-खाय के बाद रविवार को छठ व्रतियों ने शाम में प्रसाद बनाया और पूजा करने के बाद रोटी और गुड़ की खीर से खरना किया। इसके बाद अन्य लोगों के बीच खरना के प्रसाद का वितरण किया। नहाय-खाय और खरना के बाद सोमवार को पहला अर्घ्य होगा उसके बाद मंगलवार को छठ व्रती सुबह का अर्घ्य देंगे।

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हालांकि इस साल छठ शुरू होने के पहले शहर में उत्साह भरा माहौल नहीं दिख रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कई व्रतियों ने छठ नहीं किया है। कुम्हारपट्टी की आशा देवी बताती हैं कि जो भी सच्चे मन से भगवान भास्कर की आराधना करते हैं उनकी मनोकामना पूरी होती है।

झरिया में सादगी से मन रहा छठ महापर्व : चैती छठ कोरोना वायरस के खौफ के बीच सादगी से शुरू हुआ। शनिवार को व्रतियों ने नहाय-खाय किया। झरिया में कार्तिक छठ की अपेक्षा चैती छठ पर्व को कम व्रती मनाते हैं। रविवार को व्रतियों ने खरना पूजा किया। सोमवार को शहर के तालाबों में अस्ताचलगामी प्रभु सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय महापर्व छठ समाप्त हो जाएगा।

कतरास में श्रद्धा से हुई पर्व की शुरुआत : कतरास कोयलांचल के विभिन्न इलाकों में शनिवार को नहाय-खाय के साथ आस्था का महापर्व चैती छठ का शुभारंभ हो गया। कतरास, बाघमारा, बरौरा, अंगारपथरा, तेतुलमारी, सिजुआ, महुदा, निचितपुर, इस्ट बसुरिया, लोयाबाद, नावागढ़ आदि इलाकों में छठ महापर्व मनाया जा रहा है। हालांकि कोरोना वायरस को लेकर पर्व कम स्थानों पर ही किया जा रहा है। व्रतियों ने रविवार को खरना के दिन स्नान कर प्रसाद बनाया व पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद लोगों को प्रसाद खिलाया गया।


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