Chhath Puja 2020: रैली और चुनाव हो सकते तो घाटों पर छठ महापर्व क्यों नहीं ? पूर्व मेयर ने सीएम से पूछे सवाल; विधायक विरंची ने बताया अविवेकपूर्ण निर्णय
चंद्रशेखर अग्रवाल ने कहा है कि ऐसा लग रहा है कि झारखंड सरकार में बैठे अधिकारी एक साजिश के तहत हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री को तत्काल हस्तक्षेप करते हुए फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
धनबाद/ बोकारो, जेएनएन। कोरोना से बचाव के नाम पर तालाब, डैम, पोखर, नदी घाटों पर छठ महापर्व करने की रोक को लेकर झारखंड की राजनीति गरमा गई है। राजनीतिक दलों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ हमला बोला दिया है। झारखंड सरकार के फैसले को अविवेकपूर्ण और हिंदू विरोधी बताया जा रहा है। झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल पूछे हैं-जब झारखंड में विधानसभा का उपचुनाव कराया जा सकता है तो घाटों पर छठ महापूर्व क्यों नहीं ? चुनावी रैली और सभाएं हो सकती है तो तालाबों के घाट पर छठ महापर्व क्यों नहीं ?
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
अग्रवाल ने कहा है कि ऐसा लग रहा है कि झारखंड सरकार में बैठे अधिकारी एक साजिश के तहत हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री को तत्काल हस्तक्षेप करते हुए फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। झारखंड सरकार के फैसले से लाखों लोगों की भावनाएं आहत हुई है। ऐसे मामलों में सरकार को उदार रवैया अपना चाहिए।
सरकार के फैसले के विरोध में उतरी भाजपा, विरंची ने कहा आदेश दुर्भाग्यपूर्ण
छठ महापर्व के अवसर पर घर से बाहर नहीं निकलने एवं तालाब नदियों में छठ पर्व नहीं करने के मुख्य सचिव के फैसले पर भाजपा ने विरोध जताया है। विरोधी दल के मुख्य सचेतक विधायक बिरंची नारायण ने कहा है कि लोक आस्था एवं सूर्य उपासना के महापर्व छठ पर झारखण्ड सरकार द्वारा इस प्रकार से प्रतिबंध लगाना सही नही हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेनइस फैसले पर पुनर्विचार करें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए छठ व्रतियों को अनुमति प्रदान की जानी चाहिए है। विधायक ने कहा कि सरकार का आदेश अविवेकपूर्ण है। चूंकि छठ महापर्व में स्वयं लोग दूरी और पवित्रता का पालन करते हैं। इसलिए छठ वर्तियों को रोकना सरासर गलत हैं। अन्य राज्यों की तरह यहां भी अनुमति दी जानी चाहिए।
जनता की आवश्यकता व आस्था का सम्मान करे सरकार
बोकारो जिला महांमत्री संजय त्यागी ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि कोरोना की आड़ में हिन्दु अस्था पर रोक लगाने वाला फैसला है। छठ महापर्व में वर्ती व उसके परिवार सदस्य स्वयं में शारीरिक दूरी, पवित्रता का पालन करते हैं। ऐसे में अनावाश्यक आदेश सहयोगी दलों के दबाव में सरकार ने दिया है। इससे सरकार की तुष्टिकरण की नीति साफ झलकती है। त्यागी का कहना है कि बोकारो, धनबाद जैसे शहर में लोग बहु मंजीला इमारत में रहते हैं। ऐसे में घर में गड्ढा बनाने से लेकर पूजा करना संभव नहीं है। एक ओर ट्रेन का परिचालन पर रोक लगाया जा रहा है दूसरा पूजा पाठ पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।