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'मिस कॉल' के प्यार में छली गई किशोरी, रोहिंग्या होने का शक, जानिए पूरी कहानी

धनबाद पुलिस अब किशनगंज पुलिस से संपर्क उसके बारे में पुख्ता जानकारी जुटाएगी। आधार कार्ड का भी सत्यापन करेगी। किशनगंज हिंदी भाषी क्षेत्र है। बावजूद इसे बिल्कुल हिंदी नहीं आती।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 10:42 AM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 10:42 AM (IST)
'मिस कॉल' के प्यार में छली गई किशोरी, रोहिंग्या होने का शक, जानिए पूरी कहानी
'मिस कॉल' के प्यार में छली गई किशोरी, रोहिंग्या होने का शक, जानिए पूरी कहानी

धनबाद, जेएनएन। किशनगंज की रहने वाली एक पन्द्रह वर्षीय नाबालिग झरिया के शमशेर नगर में अपने प्रेमी से मिलने पहुंच गई। अपने साथ वह अपनी तीन वर्षीय बहन को भी ले आई थी। वहां पहुंच उसे पता चला कि प्रेमी शादीशुदा है। प्रेमी की पत्नी ने भी उसे काफी भला बुरा कह दिया। कुछ लोगों ने उसे बस स्टैंड लाकर छोड़ दिया। यहां उसे भटकता देख पुलिस ने महिला थाना भेज दिया। वह हिंदी नहीं बोल पा रही थी। महिला थाना प्रभारी सरिता कच्छप का कहना है कि उसके रोहिंग्या शरणार्थी, बांग्लादेशी या नेपाली होने का शक है। फिलहाल छानबीन की जा रही है। लड़की ने टूटी फूटी हिंंदी में यही बताया है कि वह किशनगंज की रहने वाली है। 

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एक माह पहले मिसकॉल से हुई दोनों में दोस्ती : पूछताछ के दौरान उसने टूटी फूटी हिंदी व इशारों से पुलिस को बताया कि झरिया के शमशेर नगर निवासी मोहम्मद रुस्तम अंसारी से निकाह करने आई थी। वह उससे प्रेम करती है। गुपचुप विक्रेता उसके प्रेमी ने ही उसे धनबाद बुलाया था। अकेले आने में डर लगा तो बहन को भी ले आई। बताया कि एक माह पूर्व मिसकॉल हो गई थी। उस पर रुस्तम ने फोन किया और दोनों में दोस्ती हो गई। अब पुलिस रुस्तम की तलाश कर रही है। किशोरी के घरवालों को पुलिस बुला रही है। फिलहाल उसे थाने में रखा गया है।  

किशोरी को नहीं आती हिंदी, पुलिस का शक गहराया : महिला थाना प्रभारी सरिता कच्छप ने बताया कि किशोरी की भाषा समझ में ही नहीं आ रही थी। हिंदी के कुछ शब्द ही वह जानती है। यह रोहिंग्या, बांग्लादेशी या नेपाली हो सकती है। हालांकि उसने आधार कार्ड प्रस्तुत कर किशनगंज निवासी होने की बात कही है। धनबाद पुलिस अब किशनगंज पुलिस से संपर्क उसके बारे में पुख्ता जानकारी जुटाएगी। आधार कार्ड का भी सत्यापन करेगी। किशनगंज हिंदी भाषी क्षेत्र है। बावजूद इसे बिल्कुल हिंदी नहीं आती। इसलिए शक हो रहा है। मालूम हो कि म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ हुई हिंसा के कारण भारत में भी रोहिंग्या शरणार्थी आ गए है। बांग्लादेश में ये लाखों की तादात में पहुंचे हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि किशोरी के परिजन बांग्लादेश या म्यांमार से किशनगंज आ गए होंगे। 


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