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पांच साै-हजार के नोट बदलने में सीबीआइ ने दो पर कसा शिकंजा

सीबीआइ को गुप्त सूचना मिली कि शिकारीपाड़ा दुमका डाकघर में बड़े पैमाने पर बंद हुए पुराने 500 एवं 1000 के नोट को नई करेंसी में बदलने का गोरखधंधा हो रहा है।

By mritunjayEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 12:17 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 12:17 PM (IST)
पांच साै-हजार के नोट बदलने में सीबीआइ ने दो पर कसा शिकंजा
पांच साै-हजार के नोट बदलने में सीबीआइ ने दो पर कसा शिकंजा

धनबाद, जेएनएन। कालेधन को सफेद बनाने के लिए नोटबंदी के समय हजार-पांच सौ के पुराने नोटों को बदलने के मामले में सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा धनबाद ने दुमका के शिकारीपाड़ा डाकघर के दो कर्मियों पर आरोप पत्र समर्पित किया है। यह कार्रवाई नोटबंदी के समय 22 लाख 16 हजार 730 रूपये के नोट को नए नोट में बदलने के मामले में की गई है। 

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मामला नोटबंदी के समय का है। नोटबंदी के बाद बैंक व पोस्ट ऑफिस सीबीआइ के रडार पर थे। इसी कड़ी में सीबीआइ को गुप्त सूचना मिली कि शिकारीपाड़ा दुमका डाकघर में बड़े पैमाने पर बंद हुए पुराने 500 एवं 1000 के नोट को नई करेंसी में बदलने का गोरखधंधा हो रहा है। सीबीआइ ने मामले की जांच पड़ताल की तो इस गोरखधंधे में दुमका डाकघर के सब पोस्टमास्टर समेत कई की संलिप्तता सामने आए। सीबीआइ ने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने  आठ नवंबर 2016 को 500 व 1000 के नोट जो 2005 से पहले व 2005 तक जारी किए गए थे, उसे अवैध घोषित कर दिया गया था। सरकार ने उसके बाद 4000 हजार रुपये तक पुराने 500 व 1000 रुपये केनोट वैद्य कागजात व सत्यापन के बाद बदलने की छूट दी थी। जिसका फायदा उठाकर उपरोक्त अधिकारियों ने षडय़ंत्र के तहत 10 से 24 नवंबर 2016 के दौरान कुल 47 लाख 26 हजार के पुराने नोटों को 100, 50, 20 और 10 रूपये के नोट से बदल दिया। सीबीआइ ने दावा किया कि 11 लाख 16 हजार 730 रुपया गलत तरीके से इंट्री कर बदल दिये गये। शेष रुपये को पोस्ट ऑफिस के विभिन्न काउंटर से बिना किसी वैद्य पहचान पत्र व कागजात के आपसी मिलीभगत कर बदल दिया गया। सीबीआइ ने इस मामले में कुल  22 लाख 16 हजार 730 रूपये के घोटाले का आरोप लगाया है। सीबीआइ ने सब पोस्टमास्टर सतीश सैम्यूअल हेम्ब्रम को इस कांड का मास्टर माइंड बताया है।  
इनके विरूद्ध चार्जशीटः सब पोस्टमास्टर शिकारीपाड़ा सतीश सैम्यूअल हेम्ब्रम और सहायक सुबोध पाल पर। 


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