मानसून का पैटर्न बदला, अब हल्की नहीं अत्यधिक बारिश
पृथ्वी विज्ञान के सचिव रहे डॉ. नायक ने कहा कि कि भारी बारिश से होनेवा ली तबाही से बचाव के लिए पूर्वाकलन की नई तकनीक विकसित करनी होगी, ताकि समय रहते अलर्ट जारी किया जा सके।
धनबाद। सौ वर्षों के अध्ययन में यह पता चला कि मानसून में बदलाव नहीं हुआ है, पर इसके पैटर्न में बदलाव आ गया है। भारी बारिश की बारंबारता बढ़ी है और हल्की कम हो गई है। इससे भविष्य में भी केरल जैसे जल प्रलय की संभावना बढ़ गई है। यह बातें नेशनल इंस्टीट्यूट अॉफ एडवास्ड स्टडीज बेंगलुरू के निदेशक डॉ. शैलेष नायक ने कही। वह केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान सिंफर में आयोजित काउंसिल फार साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के 76वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान के सचिव रहे डॉ. नायक ने कहा कि कि भारी बारिश से होनेवा ली तबाही से बचाव के लिए पूर्वाकलन की नई तकनीक विकसित करनी होगी, ताकि समय रहते अलर्ट जारी किया जा सके। उन्होंने कहा कि समुद्र में फैल रहे प्रदूषण से उसका तापमान बढ़ रहा है, जिससे केरल और ईस्ट कोस्ट के तटीय इलाकों में खतरा बढ़ रहा है। पर्यावरण परिवर्तन के कारण समुद्री जलीय जीवों को भी क्षति पहुंच रही है। भविष्य में पृथ्वी को सुरक्षित करने के लिए इस क्षेत्र में अध्ययन जरूरी है।
सोनमर्ग के समीप सुरंग निर्माण कर रहा सिंफर: निदेशक सिंफर निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स का प्रयोग कर डिजिटल खनन का विकास में मदद करेगा। इस परियोजना को केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक पर श्रीनगर से 69.7 किमी दूर स्थित गगनगिर के निकट रेजन एवं सोनमार्ग के पास स्थित शेटकारी गावों के बीच पहाड़ों को भेद कर एक नालाकार सुरंग बनाई जा रहा है। ईस्टर्न कोलफिल्ड में खान जल संशोधन संयंत्र निर्मित करने का दायित्व सौंपा गया है। गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्याक एवं पर्यावरण प्रबंधन योजना का कार्य भी सौंपा गया है। कार्यक्रम में डॉ. सीएन घोष मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. आरवीके सिंह मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. राजेंद्र सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।
25 वर्ष पूरे कर चुके वैज्ञानिक व कर्मचारी सम्मानित
सेवानिवृत्त वैज्ञानिक एवं कर्मचारी तथा संस्थान में 25 वर्ष काम कर चुके वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया। वैज्ञानिकों एवं कर्मियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सात श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए। 12वीं के छात्र भी सम्मानित 12वीं में 90 फीसद से अधिक अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। इनमें देबयान मंडल, आयुश रंजन सिंह व अर्पिता राय शामिल हैं।