Lockdown : बिना कन्या पूजन के ही चैत्र नवरात्र हुआ संपन्न; रामनवमी पर मंदिरों में रही हलचल, पर नहीं निकले अखाड़े Dhanbad News
लॉकडाउन के बावजूद रामनवमी पर शहर के मंदिरों में भक्तों का जुटान हुआ। सुबह से ही मंदिरों में ध्वजा चढ़ाने व पूजा करने को लेकर भक्तों की भीड़ लगी रही।
धनबाद, जेएनएन। लॉकडाउन के बावजूद रामनवमी पर शहर के मंदिरों में भक्तों का जुटान हुआ। सुबह से ही बाजार में बांस, ध्वजा व पूजन सामग्री खरीदने की भीड़ लगने लगी। हीरापुर हटिया, पुलिस लाइन, बरटांड़ में बांस व ध्वजा के दुकानें सजी। पुराना बाजार व तेतुलतल्ला मैदान में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अन्य जगहों पर सब्जी मार्केट स्थानांतरित करने की वजह से भीड़भाड़ कम रहा। मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ ध्वजा चढ़ाने व पूजा करने को लगी रही।
हीरापुर स्थित हनुमान मंदिर व रणधीर वर्मा चौक पर भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। डीएसपी मुकेश कुमार ने मंदिर में भीड़ लगाए भक्तों को कड़ी फटकार लगाई व उन्हें मंदिर बंद करने की चेतावनी दी। बाद में शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए भक्तों की कतार लगाई गई। भीड़भाड़ को रोकने के लिए मंदिर में पुलिस बल भी प्रतिनियुक्त कर दिया गया।
हटिया व रेलवे स्टेशन स्थित हनुमान मंदिर में भी पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। डीजीएमएस कार्यालय के पास स्थित हनुमान मंदिर, अंजनी लला हनुमान मंदिर में भीड़भाड़ कम दिखा। बैंकमोड़ राम मंदिर, जोराफाटक में भी रामनवमी पर विशेष पूजा हुई। वहीं, कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रशासन के नियमों का ध्यान रखते हुए आपसी दूरी बनाए रखा गया। विनोद नगर सहित अंदरूनी इलाकों के मंदिरों में भक्तों ने बेरोक टोक पूजा की।
नहीं निकले अखाड़े : कोरोना वायरस से संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस वर्ष अखाड़े नहीं निकाले गए। प्रतिवर्ष रेलवे स्टेशन, पुराना बाजार व हरिमंदिर में अखाड़ाें का मिलन होता रहा है। इस वर्ष लॉक डाउन की वजह से कोई आयोजन नहीं हुआ। लिहाजा सुबह की पूजा के बाद शहर में सन्नाटा पसर गया।
बिना कन्या पूजन के ही चैत्र नवरात्र हुआ संपन्न : नवमी पूजा के साथ ही चैत्र नवरात्र का समापन हो गया। वहीं, लॉकडाउन को देखते हुए इस वर्ष अधिकांश जगह बिना कन्या पूजन ही चैत्र नवरात्र का पूजन किया गया। हालांकि कुछ प्रमुख मंदिरों में कन्या पूजन कराया गया। शक्ति मंदिर में बुधवार को ही महा अष्टमी के दिन एक कन्या का पूजन कर रस्म अदायगी की गई। यहां भक्तों का दर्शन बंद है। खड़ेश्वरी मंदिर, शिवशक्ति मंदिर, जागृति मंदिर, जेसी मल्लिक रोड दुर्गा मंदिर में भी एक-एक कन्या को भोजन करा कन्या पूजन की रस्म अदायगी भर हुई। कोयला नगर स्थित काली मंदिर, दुर्गा मंदिर, तारा मंदिर समेत अन्य मंदिर कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पहले ही बंद हैं। चैत्र नवरात्र में यहां कोई विशेष पूजन समारोह भी नहीं हुआ।
त्योहारों के माैसम में देवताओं को नहीं चढ़े फूल : कमोबेस हर त्योहार में जरूरी सामग्री उपलब्ध हो ही जाती है। बावजूद कोरोना वायरस का ऐसा कहर रहा कि नववर्ष, चैत्र नवरात्र, रामनवमी, चैती छठ जैसे त्योहार बीत गए पर फूलों का कहीं दर्शन न हुआ। दरअसल, धनबाद में फूलों का कारोबार पूरी तरह कोलकाता पर निर्भर है। हर रात कोलकाता से ट्रेनों में भरकर फूल लाए जाते हैं। घरों में फूल पहुंचानेवाले माली भी कोलकाता के ही फूल पर निर्भर रहते हैं। लॉकडाउन में ट्रेनें बंद रहने की वजह से फूलों की आवक पूरी तरह ठप रही। लिहाजा इस नव संवत्सर पर बीते तमाम त्योहारों में किसी देवता को फूल नहीं चढ़े।
- चैत्र नवरात्र में नवमी के दिन पहले हजारों भक्तों की भीड़ लगती थी। कम से कम 500 नारियल बलि माता रानी को चढ़ाया जाता था। 500 के लगभग साड़ी प्रतिवर्ष चढ़ाए जाते थे। हनुमान जी का ध्वजा भी काफी संख्या में चढ़ाया जाता था। इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। जरूरी होने की वजह से हमने मात्र दो-तीन कन्याओं को बिठाकर उनका पूजन किया और नवरात्र समाप्त हुआ। सार्वजनिक कोई आयोजन नहीं किया गया। -मनोज पांडेय, पुजारी खड़ेश्वरी मंदिर।
- शक्ति मंदिर में दर्शन पूजन पूरी तरह बंद है। अंदर हमने कलश स्थापन किया था और आज नवमी के साथ पूजन संपन्न हुआ। प्रतीकात्मक ताैर पर एक कन्या पूजन महाअष्टमी को ही कर लिया गया था। मतारानी काे लाल वस्त्रों व पुष्पों से सजाया गया व महाआरती की गई। -ब्रजेश शास्त्री, प्रबंधक, शक्ति मंदिर।