केंद्र सरकार के निर्णय से हार्ड कोक उद्योग गदगद, अगले 30 साल तक मिलेगा लिंकेज का कोयला Dhanbad News
हार्डकोक उद्योग नॉन रेगुलेटेड सेक्टर में आता है। अब इन्हें कोल इंडिया व बीसीसीएल से एक निर्धारित दर पर प्रतिमाह कोयला मिलेगा। इन्हें ऑक्शन में शामिल होने की जरूरत नहीं होगी।
धनबाद, जेएनएन। केंद्र सरकार ने कोकिंग कोल लिंकेज को लेकर एक एतिहासिक निर्णय लिया है। इसके तहत नॉन रेगुलर सेक्टर को अगले 30 वर्ष के लिए कोल लिंकेज देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय धनबाद, रामगढ़, बोकारो क्षेत्रों के हार्डकोक उद्योगों के लिए संजीवनी का काम करेगा। वित्तीय वर्ष 2018-19 में सरकार ने इन उद्योगों को लिंकेज देना बंद कर दिया था। इससे तमाम हार्डकोक उद्योग बंदी की कगार पर पहुंच गए थे। सरकार से लगातार कोल लिंकेज देने की मांग की जा रही थी।
हार्डकोक उद्योग नॉन रेगुलेटेड सेक्टर में आता है। अब इन्हें कोल इंडिया व बीसीसीएल से एक निर्धारित दर पर प्रतिमाह कोयला मिलेगा। इन्हें ऑक्शन में शामिल होने की जरूरत नहीं होगी। सरकार के इस निर्णय से राज्य के लगभग 150 और धनबाद के 100 हार्डकोक उद्योगों को नया जीवन मिलेगा। इनमें फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट के तहत 83 हार्डकोक आते हैं। उद्यमियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उम्मीद जताई है कि जल्द ही कोल इंडिया व बीसीसीएल सरकार की निर्णय को अमलीजामा पहनाएगी।
कोल व लिग्नाइट के कॉमर्शियल माइनिंग को रेवेन्यू शेयर के आधार पर लगेगी बोली
रेवेन्यू शेयर के आधार पर कोयला व लिग्नाइट खदानों की नीलामी करने का भी निर्णय लिया गया। कॉमर्शियल माइनिंग के लिए बोली लगानेवालों को कुछ फीसद राजस्व शेयर सरकार को देना होगा। फ्लोर प्राइस राजस्व हिस्सेदारी का चार फीसद होगा। बिडिंग रेवेन्यू शेयर के दस फीसद होने तक 0.5 फीसद के गुणक में स्वीकार किया जाएगा। इसके बाद यह .25 फीसद के गुणक में स्वीकार किया जाएगा। कोयले की बिक्री और उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने कॉमर्शियल कोल माइनिंग और नॉन रेगुलेटेड सेक्टर के लिए कोकिंग कोल लिंकेज 30 वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया है। मैं इन निर्णयों का स्वागत करता हूं।
-प्रहलाद जोशी, कोयला मंत्री (ट्विटर पर)
30 वर्ष के लिए लिंकेज बढ़ाने से इस उद्योग का पुनरुद्धार होगा। हजारों श्रमिकों को रोजगार मिलेगा।
-बीएन सिंह, अध्यक्ष, इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन (आइसीए), धनबाद
सरकार के इस निर्णय से स्थानीय कोयला उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। कोल कंपनियों ने सही से कार्यान्वयन किया तो हार्डकोक उद्योग की पुरानी रौनक लौट सकती है।
- अमितेश सहाय, अध्यक्ष, झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन (जीटा), धनबाद