दो लाख के चक्कर में अपने ही जाल में फंसा GST इंस्पेक्टर, CBI ने दर्ज की प्राथमिकी Dhanbad News
डॉ. नरेश प्रसाद ने सीबीआइ एसपी कार्यालय को एक शिकायत की थी। इसमें उन्होंने सेंट्रल जीएसटी के इंस्पेक्टर जितेन प्रसाद पर दो लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।
धनबाद, जेएनएन। झरिया के डॉ. नरेश प्रसाद ने सेंट्रल जीएसटी के इंस्पेक्टर जितेन दास पर दो लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए सीबीआइ से शिकायत की। सीबीआइ ने दास के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे आगे की जांच के लिए इंस्पेक्टर राहुल प्रियदर्शी को सौंपा है।
सीबीआइ से प्राप्त जानकारी के मुताबिक डॉ. नरेश प्रसाद ने मंगलवार 19 सितंबर को सीबीआइ एसपी कार्यालय को एक शिकायत की थी। इसमें उन्होंने बताया था कि सेंट्रल जीएसटी के इंस्पेक्टर जितेन प्रसाद ने उनसे एक पुराने मामले में उनके पक्ष में रिपोर्ट देने के एवज में दो लाख रुपये घूस मांगी है। सीबीआइ एसपी नागेंद्र प्रसाद के निर्देश पर सब इंस्पेक्टर सीबीआइ एसीबी मनदीप ने उसे जांच में सही पाया और रिपोर्ट एसपी को दी। उन्होंने बताया कि जितेन दास एक लाख की रकम पर राजी हुए और 50 हजार की दो किस्त में भुगतान की बात कही थी। सब इंस्पेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। जितेन दास की तलाश जारी है। डॉ. नरेश प्रसाद झरिया राज ग्राउंड के पास नर्सिंग होम चलाते हैं।
दी थी बुरे परिणाम भुगतने की धमकी : सीजीएसटी इंस्पेक्टर ने डॉ. नरेश प्रसाद को रिश्वत न देने पर बुरे परिणाम की बात कर रहा था। जब चिकित्सक ने इतनी रकम की व्यवस्था न कर पाने की बात कही तो एक लाख में बात तय हुई। दो किस्त में एक लाख रुपये उनसे मांगे गए। तब परेशान डॉ. नरेश प्रसाद ने किसी भी हाल में रिश्वत न देने की ठान ली। उन्होंने इस मामले की जानकारी सीबीआइ को दी। सीबीआइ अधिकारियों ने मामले की कई बिंदुओं पर जांच की। पड़ताल के बाद इस मामले को सही पाया।