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केओसीपी में नहीं मिल सका दस हजार टन कोयला

झरिया : बस्ताकोला क्षेत्र के केओसीपी एनसी एटी लिब्रा आउटसोर्सिग परियोजना में कोयला व ओवरबड

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Mar 2018 12:44 PM (IST)Updated: Sat, 10 Mar 2018 12:44 PM (IST)
केओसीपी में नहीं मिल सका दस हजार टन कोयला
केओसीपी में नहीं मिल सका दस हजार टन कोयला

झरिया : बस्ताकोला क्षेत्र के केओसीपी एनसी एटी लिब्रा आउटसोर्सिग परियोजना में कोयला व ओवरबर्डन की ओवर रिपोर्टिग मामले में सीबीआइ व विजिलेंस की पड़ताल जारी है। सीबीआइ व विजिलेंस की कार्रवाई से डीओ धारकों ने राष्ट्रहित में इसे सही कदम बताया है। झारखंड कोल ट्रेडर्स एसोसिएशन से जुड़े डीओ धारकों का कहना है कि यह स्थिति पूरे बीसीसीएल क्षेत्र में है। एसोसिएशन के बंशी ¨सह, अखिलानंद देव, उपेंद्र गुप्ता, परमहंस ¨सह, शंकर अग्रवाल, प्रवीण कनोडिया का कहना है कि बीसीसीएल के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही जनवरी माह में केओसीपी से दस हजार टन डीओ धारकों का कोयला रिफंड हो गया। बीसीसीएल के अधिकारी डीओ धारकों को कोयला नहीं दे सके। डीओ धारकों को तीन माह बाद भी कोयला नहीं मिल पाया है। अभी तक डीओ की राशि भी नहीं लौटाई गई है। महीनों डीओ धारकों की पूंजी फंसी रहती है। बीसीसीएल अधिकारियों की लापरवाही, मनमानी का खामियाजा डीओ धारकों को भुगतना पड़ रहा है। डीओ धारकों ने कहा कि बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन से कोलियरी व परियोजनाओं में स्टॉक कोयले के आधार पर इ आक्शन किया जाता है। लेकिन वहां जाने पर डीओ धारकों को कोयला नहीं मिलता है। समस्या की जड़ ओवररिपोर्टिग है। बीसीसीएल की हर कोलियरी व परियोजना व आउटसोर्सिग परियोजना में कोयला व ओबी की ओवररिपोर्टिग की जांच कर दोषियों को जरूर सजा मिलनी चाहिए।

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