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Road Accident : हाइवा के नीचे दबे कार में एक घंटे तक कराहता रहा चालक, स्थानीय लोगों के दबाव के बाद पुलिस ने मंगाया क्रेन

आक्रोशित लोगों ने वाहनों का परिचालन जबरन रोक दिया। इस दौरान पुलिस व ग्रामीणों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। ग्रामीणों का कहना था कि पहले क्रेन लाकर घायल कार चालक को बचाया जाए।

By Sagar SinghEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 11:01 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 11:01 PM (IST)
Road Accident : हाइवा के नीचे दबे कार में एक घंटे तक कराहता रहा चालक, स्थानीय लोगों के दबाव के बाद पुलिस ने मंगाया क्रेन
Road Accident : हाइवा के नीचे दबे कार में एक घंटे तक कराहता रहा चालक, स्थानीय लोगों के दबाव के बाद पुलिस ने मंगाया क्रेन

धनबाद, जेएनएन। जिले में निरसा के हाथबाड़ी के समीप एनएच-02 पर गिट्टी लदे हाइवा ने एक कार ने पीछे से टक्कर मार दी। इस घटना में हाइवा चालक करीब 10 फीट तक कार से घसीटते हुए आगे बढ़ गया। इसके कारण कार सड़क किनारे नाले में जाकर फंस गई। वहीं, कार चालक संजय यादव क्षतिग्रस्त कार के अंदर ही घायल अवस्था में करीब एक घंटे तक फंसा रहा।

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वहीं अनियंत्रित होकर हाइवा का इंजन कार के ऊपर गिर पड़ा। इससे कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। कार में पीछे बैठे धनंजय कुमार को स्थानीय लोगों ने किसी तरह निकाला। जबकि कार चालक संजय यादव क्षतिग्रस्त कार के अंदर ही घायल अवस्था में करीब एक घंटे तक फंसा रहा। बाद में पुलिस ने क्रेन मंगाकर हाइवा को हटवाया और कार चालक को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। कार सवार धनंजय कुमार वारसलीगंज (बिहार) से पश्चिम बंगाल के बर्नपुर अपने बेटे के पास जा रहे थे। कार चालक संजय यादव भी वारसलीगंज का ही रहने वाला है।

कार में फंसे चालक संजय को निकालने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों से पुलिस की नोकझोंक भी हुई। कार के अंदर फंसा चालक सहायता के लिए चिल्ला रहा था। स्थानीय लोग गमछा हिलाकर उसे हवा दे रहे थे। लोग पुलिस से बार-बार क्रेन मंगाकर चालक को बचाने की मांग कर रहे थे। करीब एक घंटे तक क्रेन नहीं आया। इसी बीच पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र से वाहनों का परिचालन शुरू करवा दिया।

वहीं, सड़क पर गिट्टी बिखरा पड़ा था, जिससे एक बाइक अनियंत्रित होकर गिर गई। उसके पीछे ट्रक था। हालांकि दुर्घटना होने से बच गई। इससे आक्रोशित लोगों ने वाहनों का परिचालन जबरन रोक दिया। इस दौरान पुलिस व ग्रामीणों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। ग्रामीणों का कहना था कि पहले क्रेन लाकर घायल कार चालक को बचाया जाए ना कि वाहनों का परिचालन शुरू किया जाए। इस दरम्यान कुछ बुद्धिजीवियों ने बीच-बचाव कर मामले को नियंत्रित किया। एक घंटा बाद क्रेन आने के बाद घायल कार चालक को एंबुलेंस से इलाज के लिए भेज गया।


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