केबल लुटेरों ने सीआइएसएफ पर फेंके पत्थर, जवाब में हवाई फायरिंग
घनुडीह में केबल लूटने पहुंचे अपराधियों व सीआइएसएफ जवानों के बीच फायरिंग व पथराव हुआ।
संस, तिसरा : घनुडीह ओपी क्षेत्र के डीबी क्वारी हाजिरी घर के समीप मंगलवार देर रात सशस्त्र अपराधियों ने केबल व लौह सामग्री लूटने के लिए धावा बोला। उस समय हाजिरी घर के पास लगभग आधा दर्जन कर्मी ड्यूटी पर थे। सीआइएसएफ जवानों ने अपराधियों को ललकारते हुए अपराधियों को दूर खदेड़ दिया। अपराधियों ने दूर से ही जवानों पर पथराव किया। इसके बाद जवानों ने हवाई फायरिंग की। फाय¨रग के बाद अपराधी भाग खड़े हुए। जवानों ने घटना की जानकारी पेट्रोलिंग पार्टी को दी। सूचना पाकर इंस्पेक्टर आरके ¨सह, नवीन कुमार, आर तिवारी आदि दलबल के साथ क्वारी हाजिरी घर के पास पहुंचे। तब तक सभी अपराधी भाग चुके थे। जवानों की सक्रियता से अपराधी लाखों के केबल व लौह सामग्री को लूटने में असफल रहे। सीआइएसएफ के जवानों ने इसकी जानकारी कोल अधिकारियों को दी। सुबह एजीएम व पीओ पहुंचकर ली जानकारी
डीबी क्वारी के पास हाजिरी घर लूट के प्रयास की जानकारी पाकर बस्ताकोला क्षेत्र अपर महाप्रबंधक पीके मिश्रा, पीओ एस मांजी व सीआइएसएफ के प्रभारी डीआइजी ए अंबष्ठ भी पहुंचे। अधिकारियों ने कहा कि किसी भी कीमत पर अपराधियों के लूटने के मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे। हाजिरी घर के पास सुरक्षा की व्यवस्था और चुस्त की जायेगी। अधिकारियों ने इसकी जानकारी घनुडीह ओपी प्रभारी अवध बिहारी ¨सह को दी। ओपी प्रभारी भी मौके पर पहुंचकर छानबीन की। अपराध पर अंकुश लगाने की बात कही। बताते हैं कि इन दिनों ओपी क्षेत्र में कोयला, डीजल, केबल व लोहा लूटनेवाले अपराधियों की सक्रियता बढ़ गई है। यहां के कर्मियों में भय समाया है। प्रबंधन से सुरक्षा की जल्द मांग की है। -------------
क्षेत्र में कई सामान व पास में मशीन को प्रबंधन ने रखा है। इस जगह का घेराव करना चाहिए। ताकि अपराधियों अपने गलत मकसद में कामयाब नहीं हो सके।
- आरके ¨सह, इंस्पेक्टर सीआइएसएफ
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क्षेत्र के अपराधियों पर अंकुश लगाया जाएगा। पुलिस की गश्ती कोलियरी क्षेत्र में और तेज की जाएगी। अपराधियों की धर पकड़ के लिए भी पुलिस छापेमारी कर रही है।
- अवध बिहारी ¨सह, घनुडीह ओपी प्रभारी
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प्रबंधन कंपनी के नियमानुसार सुरक्षा का कार्य करेगी। कर्मियों की सुरक्षा को लेकर वरीय अधिकारियों से बात करेंगे। अपराध पर रोक लगाने की पहल की जाएगी।
- एस मांजी, प्रबंधक घनुडीह परियोजना