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कफन की कहानी दोहराई, भाई की लाश फेंक अंतिम संस्कार के पैसों से पी गया शराब

तीन हजार रुपये मृतक के भाई धर्मराज को दे दिया। पैसे मिलते ही वह शव लेकर निकल गया। शव को बी ब्लॉक स्कूल के पास ले गया और रेलवे ट्रैक के समीप झाडिय़ों में फेंक कर फरार हो गया।

By mritunjayEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 12:54 PM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 12:54 PM (IST)
कफन की कहानी दोहराई, भाई की लाश फेंक अंतिम संस्कार के पैसों से पी गया शराब
कफन की कहानी दोहराई, भाई की लाश फेंक अंतिम संस्कार के पैसों से पी गया शराब

भूली (धनबाद)जेएनएन। प्रसिद्ध साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी है कफन। उसमें घीसू और माधो नाम के पिता-पुत्र हैं। बेटे की बहू की प्रसव के दौरान मौत हो जाती है। इसके बाद बाप-बेटे उसके अंतिम संस्कार के लिए गांव में चंदा इकट्ठा कर उस पैसे की शराब पी जाते हैं। कफन की तरह की ही घटना यहां भूली में भी हुई है। यहां एक व्यक्ति ने अपने भाई का शव झाडि़यों में फेंक उसके अंतिम संस्कार के पैसे से जमकर शराब पी। इसके बाद खुद बचने के लिए शव के गायब होने की थाने में शिकायत भी की। इंसानियत को झकझोर देनेवाली यह घटना श्रमिक नगरी भूली की है।

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क्या है मामलाः सी ब्लॉक में रहने वाले 60 वर्षीय ओम प्रकाश पांडेय की मौत कल हो गई थी। वह भूली क्षेत्रीय अस्पताल में ही रहता था और मांगकर गुजारा करता था। उसे लीवर की बीमारी थी और इलाज कराने में असमर्थ था। उसकी मौत के बाद दाह संस्कार के पैसे नहीं होने पर क्षेत्रीय अस्पताल के कर्मी सह जनता मजदूर संघ के नेता प्रेम नारायण सिंह ने चंदा इकट्ठा किया। एकत्रित किए गए तीन हजार रुपये मृतक के भाई धर्मराज को दे दिये। पैसे मिलते ही धर्मराज शव लेकर निकल गया। शव को बी ब्लॉक स्कूल के पास ले गया और रेलवे ट्रैक के समीप झाडि़यों में फेंक कर फरार हो गया। इसके बाद दाह संस्कार के लिए मिले पैसे शराब में उड़ा दिया। कहा, माचिस लाने गया था, लौटा तो गायब थी लाश शव को फेंकने के बाद धर्मराज ने बचने के लिए थाने में जाकर शव के गुम हो जाने की झूठी सूचना भी दी। उसका कहना था की वह शव जलाने के लिए माचिस लाने गया था और जब लौटा तो शव गायब पाया। काफी फजीहत के बाद किया भाई के शव को दफन सुबह कुछ लोगो ने कफन में लिपटे शव को देखा और पार्षद प्रतिनिधि अशोक यादव को सूचना दी। उनके पहंुचने पर शव को पहचान लिया गया और धर्मराज को सूचना दी गई। शव मिलने की खबर सुनने के बाद भी वह आने को तैयार न था। उसे पुलिस से शिकायत की बात कहकर बुलाया गया। स्थानीय लोगों ने उसकी जमकर फजीहत की। अंतिम संस्कार के पैसे नहीं होने के कारण आखिरकार गड्ढा खोद कर शव को दफन करा दिया गया।

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