हवा में लटकते निर्माणाधीन पुल, कुछ फाइलों में कैद
धनबाद दामोदर नदी पर निर्माणाधीन पुल के धंसने की घटना ने धनबाद में एक बार फिर जिले में निर्माण योजनाओं में अनियमितता की पोल खोल दी है।
धनबाद : दामोदर नदी पर निर्माणाधीन पुल के धंसने की घटना ने धनबाद में एक बार फिर जिले में निर्माण योजनाओं में अनियमितता की पोल खोल दी है। इस हादसे में निर्माण कार्य में लगे कई मजदूर घायल हुए। यह कोई पहला मामला नहीं है जब बड़ा पुल हादसे का शिकार हुआ हो। इससे पहले निरसा प्रखंड के बरबेंदिया पुल की घटना हो चुकी है। तकरीबन 10 वर्ष से यह पुल अधर में लटका पड़ा है। यह पुल भी जब निर्माण के अंतिम चरण में था तब पानी का दबाव बढ़ने से इसके कई खंभे ढह गए और कई झुक गए। आज तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। यह बन जाती तो जामताड़ा से धनबाद की दूरी काफी कम हो जाती और लोगों को सहूलियत होती। हवा में लटकते इन पुलों ने न सिर्फ आम लोगों की अरमानों का गला घोंटा बल्कि राज्य की इंजीनियरिग पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं। बराकर-चिरकुंडा पुल लेटलतीफी का शिकार :
2015 के दिसंबर से बराकर-चिरकुंडा के बीच जिस पुल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई थी, वह वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूरी हुई। इस पुल के निर्माण को लेकर पथ निर्माण विभाग ने तीसरी बार निविदा की प्रक्रिया पूरी की। पिछले माह पुल निर्माण योजना का शिलान्यास हुआ। अब आप खुद समझ सकते हैं कि पुल निर्माण की योजनाओं की रफ्तार क्या है।
--------
- 55.56 करोड़ की लागत से नया पुल बनेगा।
- डबल लेन होगा 572 मीटर लंबा पुल
- पुल में 11 खंभे होंगे।
- सितंबर में ठेकेदार को कार्यादेश मिल गया है।
- 2021 तक पुल का निर्माण करने का लक्ष्य है।
-------
एक दशक से पुल से गुजरने वाले बड़े वाहनों पर रोक
चिरकुंडा पुल के कमजोर हो जाने के कारण बड़े वाहनों के आवागमन पर 10 साल से बंद है। लोगों को मैथन के रास्ते आना जाना पड़ता है। वहा टोल टैक्स भी चुकाना पड़ते हैं।
अनाज मंडियों के व्यापारी सबसे ज्यादा प्रभावित :
पुल पर बड़े वाहनों के रोक के कारण पश्चिम बंगाल के बराकर से व्यवसाय करने वाले व्यापारियों की परेशानी होती है। अनाज मंडी से निरसा, कुमारधुबी, चिरकुंडा समेत जिले के कई क्षेत्रों के अनाज मंडी के व्यापारियों का सीधा संबंध इस पुल से है।
-----------------
बारबेंदिया पुल फाइलों में कैद, नये पुल निर्माण की योजना तैयार
निरसा और जामताड़ा के बीच की दूरी कम करने के लिए बन रहा बारबेंदिया पुल तकरीबन एक दशक पहले हादसे का शिकार हो गया था। 2009 में बारबेंदिया पुल के चार खंभे बराकर नदी में बह गए थे। तब से लगातार फाइलों में योजनाएं बनती रही। रांची और धनबाद के अफसरों का दौरा होता रहा। पर पुल निर्माण नहीं हो सका। अब बारबेंदिया सरीखे एक और नये पुल निर्माण की योजना बन गई है। 88 करोड़ की लागत से बनने वाली पुल का डीपीआर भी मुख्यालय को भेज दिया गया है। डबल लेन की पुल की लंबाई 1.5 किमी होगी जिसका निर्माण पथ निर्माण विभाग कराएगा। विभाग के कार्यपालक अभियंता अमरेंद्र साह के मुताबिक डीपीआर को स्वीकृति मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
पुल बन गया तो क्या होगा लाभ
- निरसा से जामताड़ा के लिए अभी 42 किमी का फासला तय करना पड़ता है।
- पुल बन गया तो यह दूरी महज 12 किमी रह जाएगी।
-----------
बारबेंदिया पुल
- 20 अगस्त 2009 को तेज पानी के बहाव में बह गए थे पुल के पिलर
- पुल का निर्माण की लागत 36 करोड़ 87 लाख रुपए थी।
- 30 जनवरी 2008 को पुल का निर्माण शुरू हुआ था।
- पुल में 56 पिलर का निर्माण किया जाने वाला था।
- इस पुल के बनने से निरसा से जामताड़ा की दूरी लगभग 16 किलोमीटर कम हो जाती। लोगों के बोल
- पुल बन जाने से सभी लोगों को काफी सहूलियत होती। जामताड़ा जाने में मिहिजाम होकर नहीं जाना पड़ता। पुल का निर्माण में गड़बड़ी की गई होगी। इस कारण पुल कमजोर बना था। तेज बहाव नहीं झेल सका इस कारण पीलर धंस गया।
-शांतनु किस्कू, बरबिदिया निवासी -पुल का निर्माण जल्द से जल्द हो ताकि यहां के लोगों को जामताड़ा आवागमन में सुविधा मिल सके। सरकार एवं जनप्रतिनिधि घोषणा कर रहे हैं कि जल्द पुल का निर्माण होगा। परंतु अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
-चंडी तिवारी, बेलडांगा निवासी इस पुल के बनने से बोकारो क्षेत्र के कुम्हरी, बिजुलिया गांव की ओर जाने में सुविधा होगी। क्षेत्र के प्रसिद्ध चेचका शिव मंदिर लोग असानी से पहुंच पायेंगे। अभी लोगों को चास होकर घुमकर जाना पड़ता है। कुम्हरी के लोगों को चास बोकारो जाने में काफी आसानी होगी।
दशरथ राय, नयाकनारी कुंजी == धनबाद-बोकारो के बीच दामोदर नदी पर बन रहे इस पुल के पूरा होने से सबसे अधिक लाभ बोकारो जिले के ग्रामीणों को होगा। दूसरी ओर एक भी बड़ा स्कूल नहीं है। बच्चे महुदा की ओर आकर बड़े स्कूलों में अध्यन करते हैं।
हेमलाल राय, नयाकनारी कुंजी = दामोदर पर पहले से तीन पुल बना है। इसको बनाने का कोई औचित्य नहीं था। नेता और ठेकेदार सिर्फ अपने फायदे के लिये बनवा रहे हैं। जो कुछ दिनों में बेकार हो जाता है। सब कमीशन का खेल है। निर्माण सामग्री में भी घपलेबाजी हो रही थी।
बीरू महतो, कुंजी बस्ती == इस पुल का निर्माण होने से बिजुलिया मोड़, तेतुलिया, आसनसोल ग्राम जाने में काफी सुविधा होती। हालांकि काला धंधा पूरा बढ़ जाएगा। कोयला एवं लोहा तस्करों का काम आसान हो जाएगा। सुनसान इलाका के कारण इधर लोग जाते नहीं है। इसी का फायदा चोर लोग उठाएंगे।
अर्जुन कुमार महतो, नूतनडीह
-----------
कहां-कहां प्रस्तावित हैं विशेष प्रमंडल विभाग की ओर से पुल निर्माण
- धनबाद में मटकुरिया दुर्गा मंदिर के पास से बिनोद बिहारी महतो चौक के पास तक
- बाघमारा प्रखंड में कतरास के पंजाबी मोहल्ला और बुटू बंग्ला कतरी नदी के पास
- गोविंदपुर प्रखंड में यादवपुर से बरवाअड्डा पथ पर सुग्गी जोड़िया के पास
- निरसा प्रखंड के लतीफ बाबू बसंतीमाता खुदिया नदी पर
- टुंडी प्रखंड में लहरबाड़ी घाट एवं चितानी के बीच बराकर नदी पर।