राष्ट्रीय खेल के समय बने दोनों स्क्वैश कोर्ट बदहाल
राष्ट्रीय खेल के समय बने दोनों स्क्वैश कोर्ट बहा रहे बदहाली के आंसू
राष्ट्रीय खेल के समय बने दोनों स्क्वैश कोर्ट बदहाल
जागरण संवाददाता, धनबाद : 2011 के 34वें राष्ट्रीय खेल के दौरान हुए घोटाले की आंच धनबाद भी पहुंच गई है। नेशनल गेम्स के दौरान धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में अनियमितता बरती गई थी। स्क्वैश कोर्ट बनाने के लिए मुंबई की एक कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को ठेका मिला था। इसके लिए एक करोड़ 44 लाख 32 हजार रुपये का एस्टीमेट दिया गया था। इस प्रस्ताव पर आयोजन समिति के महासचिव एसएम हाशमी और तत्कालीन खेल निदेशक तथा सचिव की अनुशंसा के बाद फाइल तत्कालीन खेल मंत्री के पास भेजी गई थी। मंत्री ने नीतिगत निर्णय लेते हुए इसे अनुमोदित कर दिया था। मंत्री रहते हुए बंधु तिर्की ने 20 अक्टूबर 2008 को इसकी अनुमति दी थी। इसमें कंपनी को अग्रिम 50 लाख रुपये दिए गए थे। बाद में बिना स्वीकृति भुगतान के कारण वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई थी। गोल्फ ग्राउंड के सामने बने स्क्वैश कोर्ट में झाड़ियां उग चुकी हैं। आंधी-बरसात में गिरा पेड़ अभी तक हटाया नहीं जा सका है। नेशनल गेम्स खत्म होने के बाद यहां एक खेल नहीं हुआ। इसी तरह दूसरा स्क्वैश कोर्ट आइआइटी आइएसएम परिसर में है। आइआइटी का कैंपस क्लोज हो जाने के बाद यह भी बंद हो चुका है।
एसीबी के लपेटे में आए थे नगर निगम के मुख्य अभियंता
नेशनल गेम्स घोटाले में धनबाद नगर निगम के चीफ इंजीनियर अजीत लुईस लकड़ा समेत चार आरोपितों पर भी एसीबी की ओर से शिकंजा कसा जा चुका है। पिछले वर्ष एसीबी की विशेष अदालत ने चारों आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट भी प्राप्त किया था।
स्पोटर्स हास्टल बदहाल
रांची, धनबाद और जमशेदपुर में 34वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन हुआ था। धनबाद के बिरसा मुंडा पार्क परिसर और मैथन में स्पोटर्स हास्टल बनाया गया था। वे अब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। इनपर करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे। अब इनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। बिरसा मुंडा पार्क का स्पोटर्स हास्टल तो सिर्फ ईवीएम मशीन रखने के काम आ रहा है।