BCCL: बीसीसीएल कर्मियों को किया गया बोनस का एकमुश्त भुगतान, लीव इंकैशमेंट, एलटीसी, एलएलटीसी भी फिर शुरू
बीसीसीएल कर्मियों को गुरुवार को एकमुश्त बोनस का भुगतान कर दिया गया। केंद्रीय स्तर पर सभी कर्मचारियों के खाता में शाम तक बोनस की रकम भेज दी गई। इस वर्ष कर्मचारियों को 68500 रुपये बोनस के रूप में मिला है। कंपनी ने इसके लिए 289 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
धनबाद, जेएनएन। बीसीसीएल कर्मियों को गुरुवार को एकमुश्त बोनस का भुगतान कर दिया गया। केंद्रीय स्तर पर सभी कर्मचारियों के खाता में शाम तक बोनस की रकम भेज दी गई। इस वर्ष कर्मचारियों को 68,500 रुपये बोनस के रूप में दिया गया है। कंपनी ने इसके लिए 289 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इधर अधकारियों के लिए परफार्मेंस रिलेटेड पे का भी भुगतान कर दिया गया। हालांकि सभी अधिकारियों को पीआरपी का भुगतान गुरुवार को संभव नहीं हो सका। मुख्यालय के अधिकारियों का ही भुगतान किया गया है। क्षेत्रीय अधिकारियों को शुक्रवार तक राशि मिल जाने की संभावना है।
बीसीसीएल में फिलवक्त 43090 मैन पावर है। इनमें अधिकारी 1980 हैं जबकि कर्मचारी 40,565 हैं। 545 मैनेजमेंट ट्रेनी भी इनमें शामिल हैं। अधिकारियों के पीआरपी भुगतान में कंपनी को तकरीबन 90 करोड़ रुपये का खर्च आया है। बोनस व पीआरपी के एकमुश्त भुगतान के लिए कंपनी ने बैंकों से कर्ज लिया है। बता दें कि सीएमडी गोपाल सिंह ने पदभार ग्रहण करते ही अधिकारियों को कर्ज लेकर घी पीने की मानसिकता छोड़ने की हिदायत दी थी। कहा था कि अब वेतन के लिए कर्ज नहीं लिया जाएगा। हालांकि श्रमिक संगठनों के विरोध के चलते प्रबंधन को तीन किश्तों में बोनस भुगतान की योजना छोड़नी पड़ी।
लीव इंकैशमेंट, एलटीसी, एलएलटीसी फिर शुरू करने का दिया निर्देश : गुरुवार को बीसीसीएल कर्मियों की दुर्गापूजा की खुशी दुगुनी हो गयी। उन्हें जहां एकमुश्त बोनस का भुगतान किया गया वहीं लीव इंकैशमेंट, एलटीसी व एलएलटीसी भुगतान पर लगी रोक भी हटा ली गई। बता दें कि इनके भुगतान पर कोरोना संकट के कारण कंपनी की आर्थिक स्थिति में आई गिरावट के मद्देनजर रोक लगा दी गई थी। गुरुवार को बीसीसीएल के कंपनी सचिव बीके पारुई ने सभी क्षेत्रों को पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी। बताया कि कंपनी के फंक्शनल डायरेक्टर्स ने 28 जुलाई को इन भुगतान पर जो निर्णय लिया था उसे वापस लेते हुए पुरानी स्थिति बहाल कर दी गई है।
बता दें कि कंपनी इनके भुगतान पर सितंबर माह तक रोक लगा दी थी। इस बीच भुगतान पर रोक नवंबर तक बढ़ाने की सूचना के कर्मचारी चिंतित हो गए थे। उन्हें उनकी छुट्टियां बर्बाद होने का खतरा उत्पन्न हो गया था। सीसीसी की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया था जिसके बाद अधिकारियों ने भुगतान जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया था।