Bokaro Coronavirus News Update: व्यवस्था में लाचार बीजीएच ने किया निजी लैब से करार, दुर्गापुर में कराया जाएगा कोरोना टेस्ट
Bokaro Coronavirus News Update बीजीएच में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या और उनकी जांच रिपोर्ट में विलंब के कारण प्रबंधन परेशान है। अब कोरोना टेस्ट के लिए 22 रुपये लिए जाएंगे।
बोकारो, जेएनएन। Bokaro Coronavirus News Update बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) ने दुर्गापुर के निजी लैब श्रीराम कृष्ण मिशन मेडिकल इंस्टीच्यूट से कोरोना की जांच का करार किया है। करार के मुताबिक बोकारो अस्पताल से किसी मरीज के स्वाब के नमूने भेजने के 48 घंटे के भीतर कोरोना की जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। अभी तक बोकारो जनरल अस्पताल से कोरोना की जांच के लिए स्वाब के नमूने पीएमसीएच भेजे जाते रहे हैं। पीएमसीएच में दस से बारह दिनों के बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं मिल पाती थी। सरकारी व्यवस्था में होने वाली देरी से आजिज आकर बोकारो जनरल अस्पताल प्रबंधन ने निजी लैब की सेवा लेने का फैसला लिया है।
बोकारो जनरल अस्पताल में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या और उनकी जांच रिपोर्ट में विलंब के कारण सेल प्रबंधन परेशान हो चुका है। बोकारो जनरल अस्पताल में कोरोना मरीज भर्ती होता है तो पीएमसीएच से नेगेटिव रिपोर्ट आने तक उसकी अस्पताल से छुट्टी नहीं की जा सकती। जांच रिपोर्ट में विलंब के कारण कई बार गफलत हो चुकी है। 12 जुलाई को चास के किडनी मरीज की बोकारो अस्पताल में मौत हो गयी। कोरोना की जांच के लिए उसके स्वाब के नमूने 9 जुलाई को ही पीएमसीएच भेजे गये थे। 17 जुलाई को जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। रिपोर्ट आने में पत्नी समेत परिवार के और लोग तनिक बेपरवाह रहे। पत्नी भी कोरोना संक्रमित हो चुकी है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को भी हुआ। वन विभाग के कर्मचारी की बोकारो अस्पताल में मृत्यु हो गयी। पीएमसीएच से जांच रिपोर्ट नहीं आने के कारण शव को शीतगृह में रखना पड़ा है। ऐसे और कई मसले पर उलझन से गुजरने के बाद बोकारो अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना जांच के लिए निजी लैब की सेवा लेने का फैसला लिया।
कोरोना की जांच के लिए मरीजों से लिए जाएंगे 22 सौ रुपए
कोरोना की जांच के लिए बोकारो जनरल अस्पताल में मरीजों से 22 रुपए लिए जाएंगे। बोकारो इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों को कोरोना जांच का शुल्क नहीं देना होगा।
ट्रूनेट जांच के लिए भी सरकार से नहीं मिली मशीन
बोकारो जनरल अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से सरकार से कई बार अनुरोध किया गया कि वहां एक या दो ट्रूनेट मशीन दी जाय तो वे लोग तेजी से जांच करेंगे। ट्रूनेट मशीन नहीं दी गयी। सेल प्रबंधन ने आरटीपीसीआर जांच के लिए सेक्टर पांच में भवन उपलब्ध करा दिया है। सेल प्रबंधन चाहता था कि झारखंड सरकार यहां जांच शुरू करें तो यथासंभव सहयोग दिया जाएगा। सरकार के स्तर पर जांच शुरू नहीं करायी गयी तो दुर्गापुर के निजी लैब के साथ करार करना पड़ा।