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सांसद-मंत्री के बीच सिंह मैंशन की एंट्री से दिलचस्प हुई धनबाद भाजपा की राजनीति

कुंती सिंह ने किसी का नाम नहीं लिया है। उनके बयान को मंत्री सरयू राय की सक्रियता के साथ ही चतरा के सांसद सुनील सिंह और पूर्णिमा सिंह के नाम की चर्चा से जोड़कर देखा जा रहा है।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 09:33 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 09:33 PM (IST)
सांसद-मंत्री के बीच सिंह मैंशन की एंट्री से दिलचस्प हुई धनबाद भाजपा की राजनीति
सांसद-मंत्री के बीच सिंह मैंशन की एंट्री से दिलचस्प हुई धनबाद भाजपा की राजनीति

 धनबाद, जेएनएन। झारखंड प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सांसद पीएन सिंह और राज्य के खाद्य आपूर्ति मामले के मंत्री सरयू राय के बीच 'सिंह मैंशन' की एंट्री से धनबाद संसदीय क्षेत्र की राजनीति गरमा गई है। जेल में बंद झरिया के विधायक संजीव सिंह की मां पूर्व विधायक कुंती सिंह ने साफ कर दिया है कि धनबाद लोकसभा क्षेत्र में बाहर से थोपा गया प्रत्याशी हमें स्वीकार नहीं होगा। सिंह मैंशन लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए तैयार है। भाजपा की राजनीति में कुंती के बयान के मायने निकाले जा रहे हैं। पूर्व विधायक ने किसको लक्ष्य कर बयान दिया है? क्या सांसद पीएन सिंह की शह पर बयान दिया? ये चंद सवाल राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बने हुए हैं। 

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दूसरी तरफ कुंती के बयान से टिकट के दूसरे दावेदारों को भी बल मिला है। और वे अंदरखाने सांसद पीएन सिंह का टिकट कटने की स्थिति में खुद के लिए गोटी सेट करने में जुट गए हैं। झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य कुंती सिंह ने कहा कि यदि धनबाद के वर्तमान सांसद पीएन सिंह को टिकट नहीं मिलता है, तो सिंह मैंशन टिकट की दावेदारी करने को तैयार है। सांसद पीएन सिंह या धनबाद के किसी भाजपाई को टिकट मिले, तो बात अलग है। भाजपा से सरकार के कुछ मंत्री, पार्टी के कुछ सांसद और विधायक धनबाद से चुनाव लडऩे का सपना देख रहे हैं। यह सपना पूरा नहीं होने देंगे।

पूर्व विधायक को सांसद की शह : पूर्व विधायक कुंती सिंह ने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन उनके बयान को मंत्री सरयू राय की धनबाद में सक्रियता के साथ ही चतरा के सांसद सुनील सिंह और पूर्व डिप्टी मेयर दिवंगत नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह के नाम की चर्चा से जोड़कर देखा जा रहा है। मंत्री राय बातचीत में धनबाद से लोकसभा चुनाव लडऩे की संभावना से इंकार करते हैं। लेकिन, उनकी राजनीतिक सक्रियता सनसनी पैदा करती है। मंत्री की सक्रियता से वर्तमान सांसद पीएन सिंह अंदर ही अंदर नाराज बताए जाते हैं। सिंह मैंशन (कुंती सिंह की हवेली का नाम) से सांसद के अच्छे रिश्ते हैं। वे राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। एक संभावना यह हो सकती है कि पीएन सिंह की शह पर कुंती सिंह ने बयान दिया हो।

सुनील सिंह और पूर्णिमा सिंह के नाम की चर्चा से मैंशन को टेंशन : चतरा के सांसद सुनील सिंह का नाम भी धनबाद की राजनीति में उड़ता रहा है। उनके नाम की चर्चा 2009 और 2014 लोकसभा चुनाव के समय भी हुई थी। सुनील रघुकुल (नीरज सिंह की हवेली) के करीबी बताए जाते हैं। नीरज सिंंह की हत्या के मामले में कुंती सिंह के विधायक पुत्र संजीव सिंह धनबाद जेल में डेढ़ साल से बंद हैं। इसी तरह दिवंगत नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह के नाम की चर्चा से भी मैंशन असहज है। औरंगाबाद के भाजपा सांसद सुशील की रघुकुल से रिश्तेदारी है। नीरज सिंह की हत्या के बाद सुशील सिंह ने हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए सरकार स्तर पर काफी प्रयास किया था। चर्चा है कि वे पूर्णिमा सिंह के लिए भाजपा में लॉबिंग कर रहे हैं। इसकी भनक मिलने के बाद सिंह मैंशन अंदर ही अंदर अपनी रणनीति बनाने में जुट गया है। पूर्व विधायक के बयान को पूर्णिमा के लिए भाजपा में लॉबिंग के एंगल से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। 

धनबाद लोकसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्तः सांसद पीएन सिंह का टिकट कटने के बाद दावेदारों में मंत्री सरयू राय, सुनील सिंह और पूर्णिमा सिंह की चर्चा खुलकर हो रही है। इसके अलावे भी अंदर ही अंदर गंभीर दावेदारी करने वालों की संख्या कम नहीं है। आधा दर्जन ने तो तैयारी भी शुरू कर दी है। 

चंद्रशेखर अग्रवाल : धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने अंदर ही अंदर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। वह विकास की राजनीति कर अपनी उपलब्धियों की बदौलत दावेदारी कर रहे हैं। झारखंड भाजपा की राजनीति में अग्रवाल मुख्यमंत्री रघुवर दास के करीबी माने जाते हैं। वह आजीवन सहयोग निधि संग्रह और पार्टी कार्यालय निर्माण योजना जैसी महती जिम्मेवारी संभालने के कारण केंद्रीय नेतृत्व के सीधे संपर्क में हैं। 

अमर बाउरी : चंदनकियारी के विधायक और राज्य के राजस्व मंत्री अमर बाउरी की भी अंदर ही अंदर दिली तमन्ना लोकसभा चुनाव लडऩे की है। चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र धनबाद लोकसभा के तहत आता है। लक्ष्य निर्धारित कर बोकारो से लेकर चिरकुंडा तक राजनीतिक सक्रियता तेज कर दी है। प्रदेश नेतृत्व भी उन्हें बढ़ावा दे रहा है। 

प्रो.रीता वर्मा : पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. रीता वर्मा भी पीएन सिंह का टिकट कटने की स्थिति में प्रबल दावेदार हैं। 2009 प्रो. वर्मा का टिकट काटकर ही पीएन सिंह को मिला था। टिकट कटने के बाद से भाजपा की मुख्यधारा की राजनीति से प्रो. वर्मा अलग-थलग हैं। 

राज सिन्हा : धनबाद के विधायक राज सिन्हा भी दावेदार हैं। सिन्हा ने भी धनबाद विधानसभा से बाहर निकलकर बोकारो से लेकर चिरकुंडा तक सक्रियता बढ़ा दी है। धनबाद लोकसभा क्षेत्र के तहत ही बोकारो जिले का बोकारो विधानसभा क्षेत्र आता है। वे टिकट के लिए दिल्ली दरबार में अपने संपर्क साध रहे हैं। 

विनय सिंह : भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य विनय सिंह खुलकर दावेदारी कर रहे हैं। उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव के समय भी दावेदारी की थी। हाल ही में जब कोयलांचल बिजली संकट से कराह रहा था तो वे केंद्रीय उर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह से मिलकर मजबूती से जनता के पक्ष को रखा था। धनबाद की राजनीति में क्वीन बैटन का विरोध कर चर्चित हुए थे। 

विरंची नारायण : बोकारो के विधायक विरंची नारायण भी छुपे रुस्तम की तरह सक्रिय हैं। उनका सरकार और संगठन दोनों में पकड़ है। उनकी मंशा लोकसभा चुनाव लड़ दिल्ली पहुंचने की है।

अपर्णा सेनगुप्ताः टिकट के दावेदारों की रेस में राज्य की पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता ने भी अपने को शामिल कर लिया है। वे प. बंगाल में भाजपा महिला मोर्चा की प्रभारी हैं। पं. बंगाल भाजपा के प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय से सेनगुप्ता के अच्छे संबंध हैं। 


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