Move to Jagran APP

Modi Govt 2.0 : माइनिंग व रेलवे में निजीकरण को सांसद ने बताया समय की मांग, कहा- ऐतिहासिक रहा पहला वर्ष Dhanbad News

सांसद पीएन सिंह ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल को ऐतिहासिक करार दिया। वहीं झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद ने कहा कि यह समय उपलब्धि गिनाने का नहीं काम करने का है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 09:53 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 08:55 AM (IST)
Modi Govt 2.0 : माइनिंग व रेलवे में निजीकरण को सांसद ने बताया समय की मांग, कहा- ऐतिहासिक रहा पहला वर्ष Dhanbad News
Modi Govt 2.0 : माइनिंग व रेलवे में निजीकरण को सांसद ने बताया समय की मांग, कहा- ऐतिहासिक रहा पहला वर्ष Dhanbad News

धनबाद, [रोहित कर्ण]। Modi Govt 2.0 कॉमर्शियल माइनिंग की इजाजत समेत अन्य उद्योगों के निजीकरण के सरकार के निर्णय को सांसद पीएन सिंह ने समय की जरूरत बताया। सांसद शनिवार को मोदी सरकार-2 के एक वर्ष पूरा होने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। इस कार्यकाल में अर्थव्यवस्था की दुरावस्था और निजीकरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार व्यापार न करे यह कांसेप्ट पहले से था। ऐसे में नो प्रॉफिट, नो लॉस के आधार पर पहले से जो संस्थान चल रहे थे वे बदहाली में थे।

loksabha election banner

पीएन सिंह ने कहा कि सिंदरी, बरौनी, गोरखपुर समेत कई खाद कारखाने पहले ही बंद हो चुके थे। कई बैंक भी घाटे में चल रहे थे। इनका घाटा पाटने के लिए सरकार ने बैंकों का पुनर्गठन किया। बंद खाद कारखानों को नई तकनीक के साथ शुरू करने के लिए निजी क्षेत्रों को आमंत्रित किया। वैसे ही अन्य उद्योगों को भी बचाए रखने के लिए निजी हाथों में देना होगा। यह समय की जरूरत है।

धनबाद सांसद ने कहा कि रेलवे को ही देखिए, अंग्रेजों ने हावड़ा से नई दिल्ली अप व डाउन रेल लाइन बिछाया। तब हम 30 करोड़ थे। आज 130 करोड़ हैं। आज अगर चार लाइन करना हो तो पैसे की जरूरत होगी। लिहाजा इसमें निजी क्षेत्र को इजाजत देनी होगी। हर क्षेत्र के लिए यही बात सही है। उद्योग को चलाते रहना है और लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराना है तो निजीकरण करना ही होगा।

कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था बिगड़ी : कोरोना से निपटने के तरीकों पर उठ रहे सवाल पर सांसद ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण देश में दो महीने से अधिक समय से लॉकडाउन है। इस वजह से अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। बावजूद केंद्र सरकार ने इससे सफल तरीके से मुकाबला किया है। जनधन खातों में तीन महीनों के लिए पांच-पांच सौ रुपये दिए गए। सभी लाल-पीला कार्डधारियों को तीन-तीन महीने का अनाज एकमुश्त दिया गया। बिना कार्डवालों के लिए मुखिया के पास फंड मुहैया कराया गया। राज्य सरकारों को चिकित्सा सुविधा व जगह-जगह भोजन केंद्र चलाने, अनाज वितरण के लिए पर्याप्त फंड व अनाज दिया गया। मजदूरों को रेल से मुफ्त घर लाया जा रहा है। विदेशों में फंसे नागरिकों को भी घर लाया गया है।

20 लाख करोड़ का पैकेज फूंकेगी अर्थव्यवस्था में जान : अर्थव्यवस्था के दिशाहीन होने के सवाल पर सांसद ने कहा कि सरकार ने उद्योग क्षेत्र को लॉकडाउन के झटके से उबारने व रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए भी कई काम किए हैैं। अर्थव्यवस्था का नियंत्रण सही हाथों में है। 20 लाख करोड़ का पैकेज इसी रणनीति का हिस्सा है। इससे उद्योग जगत तो मंदी से उबरेगा ही कृषि क्षेत्र, छोटे उद्योग को भी सहारा मिलेगा व पर्याप्त संख्या में रोजगार का सृजन होगा। बीमारी से निपटते ही अर्थव्ïयवस्था फिर पटरी पर आ जाएगी।

बेमिसाल रहे एक साल : सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को बेमिसाल बताते हुए सांसद ने कहा कि इस दौरान कई ऐतिहासिक कार्य किए गए। तीन तलाक निषेध से संबंधित विधेयक पास कराया गया, राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया गया। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए समाप्त कर लद्दाख व जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया। सीएए कानून बनाया गया।

श्रेय लेने वाले विफलता के समय भी आगे आएं : जोनल कार्यालय का स्थानांतरण रुकने का श्रेय लेने के मसले पर सांसद ने प्रतिद्वंद्वियों को घेरा। कहा कि स्थानांतरण रुकने पर लोग श्रेय लेने के लिए जिस तरह आगे आ रहे उसी तरह तब भी आते जब उन पर तोहमत लगाए जा रहे थे। तब किसी ने आगे आकर नहीं कहा कि यह जिम्मेदारी मेरी है। यदि कार्यालय स्थानांतरित हो जाता तो सरकार और बैंक भी नहीं सिर्फ मेरे ऊपर ही आरोप लगता कि सांसद फेल रहे। जब उपलब्धि मिली तो सब आगे आ रहे हैं। यही वजह रही कि मैैंने इस संबंध में कोई बयान ही नहीं दिया।

यह समय कोरोना से निपटने का : मथुरा

झामुमो के टुंडी से विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने भाजपा के एक साल बेमिसाल अभियान को गलत बताया। कहा कि कार्यकाल का दो माह लॉकडाउन में गुजर गया। वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में ही अधिकतम काम होते हैं। उस वक्त जब लॉकडाउन था तो काम क्या हुआ? भाजपा के लोग गलत बोल रहे हैं। यह समय उपलब्धि गिनाने का भी नहीं है। हमें पहले कोरोना से मिलकर निपटना चाहिए। उपलब्धि व दोष गिनाने का यह समय नहीं है। जिंदा बचेंगे तो राजनीति आगे भी कर लेंगे। सभी को लोगों को कोरोना से बचाने में ऊर्जा लगानी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.