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जिस रथ चढ़ 'दीदी' से भाजपा के 'चाणक्य' करेंगे दो-दो हाथ, उसे हरी झंडी का इंतजार

भाजपा ने प. बंगाल में प्रस्तावित चुनावी यात्रा का नाम गणतंत्र बचाओ यात्रा दिया है। इस यात्रा के लिए भाजपा ने बुलेट प्रूफ रथ तैयार करवाया है। यह रथ यूपी के मेरठ में बना है।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 02:08 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 11:04 AM (IST)
जिस रथ चढ़ 'दीदी' से भाजपा के 'चाणक्य' करेंगे दो-दो हाथ, उसे हरी झंडी का इंतजार
जिस रथ चढ़ 'दीदी' से भाजपा के 'चाणक्य' करेंगे दो-दो हाथ, उसे हरी झंडी का इंतजार

धनबाद, जेएनएन। विपक्षी दलों के महागठबंधन के बावजूद मिशन- 2019 को सफल बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने प्लान-बी तैयार कर रखा है। यह प्लान है हिंदी भाषी राज्यों में महागठबंधन के कारण चुनाव में संभावित कुछ सीटों के नुकासन का भरपाई करना। इसके तहत भाजपा का जोर गैर हिंदी भाषी राज्यों पर है जहां 2014 में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं था और 2019 में सफलता प्राप्त करने की संभावना है। इस प्लान में प. बंगाल भी है। 

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22 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्यः प. बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं। इस राज्य से फिलहाल भाजपा के पास दो सांसद हैं-दार्जिलिंग से सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया और आसनसोल से बाबुल सुप्रियो। दोनों केंद्र में मंत्री हैं। प. बंगाल में भाजपा ने 22 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य तक किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए शाह जिस रथ पर सवार होकर प. बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी से प्रचार युद्ध में दो-दो हाथ करेंगे वह बनकर तैयार है। वह रथ धनबाद पहुंच चुका है।हरी झंडी मिलते ही रथ धनबाद की सीमा से निकल प. बंगाल में प्रवेश कर जाएगा।

टीएमसी के हमले को झेल जाएगा बुलेट प्रूफ रथः भाजपा ने प. बंगाल में प्रस्तावित चुनावी यात्रा का नाम 'गणतंत्र बचाओ यात्रा' दिया है। इस यात्रा के लिए भाजपा ने बुलेट प्रूफ रथ तैयार करवाया है। यह रथ यूपी के मेरठ में बना है। यह रथ चलता फिरता घर है। बस को रथ का रूप दिया गया है। इसमें तमाम सूचना नेटवर्क की जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। हाइड्रोलिक सीढ़ी है, जिसके माध्यम से बस की छत पर मंच तैयार हो जाएगा और उस पर खड़े हो भाषण दे सकते हैं। कमरा, शौचालय, शयनकक्ष वह कामकाज के लिए दफ्तर की तरह टेबल, कुर्सी और सोफा भी लगा है। प. बंगाल की राजनीति में प्रतिद्वंदियों पर हलमे करना आम बात है। इसे ध्यान में रख रथ को बुलेट प्रूफ बनाया गया ताकि टीएमसी के हमले को झेल जाए। 

14 दिसंबर से धनबाद में खड़ा है रथः भाजपा केंद्रीय कार्यालय के निर्देश पर यह रथ यूपी के मोदीनगर (गाजियाबाद) से प. बंगाल के लिए चला था। लेकिन, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने भाजपा को गणतंत्र बचाओ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी। इस कारण मोदीनगर से प. बंगाल जाने के क्रम में रथ को धनबाद में रूकने का निर्देश दिया गया। 14 दिसंबर से रथ धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा के आवास के बाहर खड़ा है। रथ के सह चालक संजीत ने बताया कि फिलहाल धनबाद में ही रूकने का निर्देश है। भाजपा केंद्रीय कार्यालय से जैसे ही निर्देश मिलेगा रथ को लेकर के लिए निकल पड़ेंगे। 

कोलकाता हाईकोर्ट पर सबकी  निगाहेंः प. बंगाल सरकार द्वारा अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा की रथ यात्रा को अनुमति नहीं मिलने के बाद सबकी निगाहें कोलकाता हाईकोर्ट पर टिक गई है। भाजपा की प्रदेश इकाई ने ममता सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है। कोर्ट का फैसला अगर भाजपा के पक्ष में आया तो रथ प. बंगाल में प्रवेश करेगा अन्या दिल्ली लाैट जाएगा। 

गणतंत्र बचाओ यात्रा से डर गईं ममताः भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और प. बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की प्रभारी पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की प्रस्तावित यात्रा से दीदी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी)  डर गईं हैं। उन्हें अभी से लोकसभा चुनाव में भाजपी की जीत और टीएमसी ही हार दिखने लगी हैं। इसलिए गणतंत्र बचाओ यात्रा को रोकना चाहती है। सेनगुप्ता ने दावा किया कि ममता बनर्जी की तानाशाही से भाजपा डरने वाली नहीं है। 


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