झारखंड में बेकाम मशीनों पर 11 करोड़ का भुगतान
भारत कोकिंग कोल लिमिटेड में एक और खरीदारी में भारी अनियमितता का पर्दाफाश हुआ है।
आशीष अंबष्ठ, धनबाद। 384 करोड़ रुपये के टिपर खरीदारी घोटाले के बाद भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) में एक और खरीदारी में भारी अनियमितता का पर्दाफाश हुआ है। कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि बीसीसीएल ने 22 करोड़ 29 लाख रुपये की लागत से दो रोड हेडर मशीनें चीन की कंपनी से खरीदी थीं।
मगर भारत पहुंचने से पहले ही बिना जांच-पड़ताल के करीब 11.16 करोड़ रुपये का भुगतान चीन में ही कर दिया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि मशीन जब धनबाद (झारखंड) पहुंची तो पता चला कि यह सही माप की है ही नहीं। इसलिए मशीन का इस्तेमाल ही नहीं हो पाया। इस कारण कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये के कोयला उत्पादन की क्षति उठानी पड़ी।
ये मशीनें मुनीडीह खदान में इस्तेमाल के लिए लाई गई थीं। अब इस मामले की भी जांच धनबाद सीबीआइ कर रही है। इसमें कई पूर्व आला अधिकारियो की गर्दन फंसनी तय मानी जा रही है। जीएम एके दत्ता, परियोजना प्रमुख व एरिया मैनेजर यांत्रिक ने मानक के अनुरूप नहीं होने से मशीन लेने से इन्कार कर दिया था। पहली बार मशीन दो अगस्त, 2011 व दूसरी बार तीन अगस्त, 2011 को धनबाद पहुंची थी।
मानक से ऊंची आई मशीन
कंपनी के वेस्टर्न झरिया एरिया अंतर्गत मुनीडीह खदान के लिए दो रोड हेडर मशीनों की खरीदारी की बाकायदा बोर्ड से अनुमति ली गई थी। इसके तहत 1.65 मीटर ऊंची मशीन खरीदनी थी, लेकिन 2.55 मीटर ऊंची मशीन आ गई। इस कारण वह खदान में फिट ही नहीं हो सकी।
मशीन को शिप में लोडिंग करने से पहले जांच की जिम्मेदारी बीसीसीएल मेटेरियल मैनेजमेंट विभाग की थी, जिसमें वह फेल रहा। कैग की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने न केवल मशीन की खरीदारी में कोल इंडिया की गाइडलाइन का उल्लंघन किया बल्कि अपनी गलती की लीपापोती का भी असफल प्रयास किया।
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