भाषा विरोध के एक ही रैली में हेमंत सोरेन हाय-हाय व Hemant Soren जिंदाबाद के लगने लगे नारे...ये है पूरा मामला
भाषा विरोध कार्यक्रम में खुद विरोधियों ने अपना मजाक बना लिया। प्रलोभन देकर रैली में भीड़ इकट्ठा करने वालों आयोजकों को यह करना भारी पड़ गया। सबके सामने वे मजाक का पात्र बन गए। हम बात कर रहे है राजगंज की। पढ़िए पूरी खबर
संवाद सहयोगी, राजगंज: धनबाद व बोकारो के लोग झारखंड के प्रतियोगिता परिक्षाओं में मगही व भोजपुरी का विरोध कर रहे है। ऐसे ही भाषा विरोध कार्यक्रम का आयोजन राजगंज में किया गया था। जिसमें मुख्यमंत्री का पुतला दहन करना भी शामिल था। भाषा विरोध में शामिल आदिवासी महिलाओं को यह नागवार गुजरा उसने मुख्यमंत्री के पुतला दहन का कार्यक्रम का विरोध करना शुरू कर दिया। बाद में उन महिलाओं ने आयोजकों पर यह आरोप लगाया कि उन्हें साड़ी, कंबल देने का प्रलोभन देकर कार्यक्रम में बुलाया गया था। बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री के पुतला दहन के बारे में जानकारी नहीं थी। आदिवासी महिलाओं ने कहा कि जो हमारा जमीन को बचाया, चावल दिया, रोजी दिया उसका कैसे विरोध करेंगे। गुरु जी का अपमान नहीं कर सकते।
ये है पुरा मामला
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राजगंज में भाषा विरोध के तहत रैली इसके बाद मुख्यमंत्री के पुतला दहन कार्यक्रम में आदिवासियों ने विरोध कर जमकर हंगामा किया। एक दूसरे के बीच जमकर मारपीट हुई। कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय के महिलाएओं को बुलाया गया था। हेमंत सोरेन का पुतला दहन की जानकारी नहीं दी गई थी। जब समुदाय के लोगों को इस बात का पता चला कि सीएम का पुतला दहन किया जाना है तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री के पुतले को दहन नहीं होने दिया। बल्कि नष्ट कर दिया।
हेमंत हाय-हाय व मुख्यमंत्री जिंदाबाद के लगे नारे
आदिवासियों ने जब मुख्यमंत्री का पुतला दहन नहीं होने दिया उसके बाद मामला उग्र हो गया। प्रलोभन देकर भीड़ इकट्ठा करने वाले अपनी पोल खुलती देख भड़क कर और आदिवासियों के साथ भीड़ गए। इसके बाद मामला उग्र होने लगा। एक तरफ हेमंत का हाय हाय का नारा लगना शुरू हो गया। दूसरा तरफ समुदाय के लोगो ने हेमंत सोरेन जिंदाबाद का नारा लगा। इस दौरान विरोधीयो का आमना सामना हो गया। आदिवासी महिलाएं बेनर पोस्टर फाड़ दिया। एवं समर्थक एवं विरोध में उतरी महिलाओ से आपस मे झड़प हो गया। मारपीट होने लगा।जिस कारण जीटी रोड घंटो बाधित रहा।
साड़ी धोती व कंबल का दिया था प्रलोभन
घटना के पूर्व करीब दर्जनो गांव के महिला-पुरुष कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए हाई स्कूल के मैदान में आयोजकों द्वारा इकट्ठा किए गए थे। करीब सैकड़ों की भीड़ थी। सांसद प्रतिनिधि गिरधारी महतो के नेतृत्व में भाषा विरोध का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। संतोष महतो, प्रमोद चौरसिया, महेंद्र महतो, सहित दर्जनों नेता शामिल हुए। स्कूल से रैली निकाली ही थी। आदिवासी विरोध करना शुरू कर दिए। रैली को बीच रास्ते में रोकने की कोशिश की गई। जिसके बाद मामला धीरे-धीरे उग्र हो गया। आदिवासी महिलाओं ने बताया कि हमें मुख्यमंत्री के पुतला दहन व कार्यक्रम के बारे में जानकारी नहीं थी। कहा कि हमें साड़ी धोती एवं कंबल का प्रलोभन देकर हाई स्कूल बुलाया था।
बवाल के बाद पहुंची पुलिस
बवाल के बाद पुतला दहन नहीं हो सका। भाषा विरोध के समर्थक हाई स्कूल पहुंचे। खबर पाकर आदिवासी महिलाएं मौके में पहुंचकर हेमंत का विरोध कर रहे युवाओं के विरुद्ध उग्र हो गई। स्थिति बिगड़ता देख युवाओं को मौके से हटा दिया गया। जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति नियंत्रण करने में जुटी थी।