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अब झारखंड की भोजपुर पंचायत का Coronavirus कुछ नहीं कर पाएगा, यहां हर व्यस्क पर टीका का सुरक्षा कवच

Corona Vaccination सुरक्षित गांव हमर गांव की परिकल्पना को सबसे पहले भोजपुर पंचायत ने साकार कर दिया। सुरक्षित गांव हमर गांव का जो कांसेप्ट उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने तय किया उस रोड मैप पर चलकर यह लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 08:08 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 11:13 AM (IST)
अब झारखंड की भोजपुर पंचायत का Coronavirus कुछ नहीं कर पाएगा, यहां हर व्यस्क पर टीका का सुरक्षा कवच
उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की उपस्थिति में टीका लेता लाभुक ( फोटो जागरण)।

आर सी सिन्हा, देवघर। टीकाकरण की शुरुआत जब ग्रामीण स्तर पर हुई तो देवीपुर प्रखंड की भोजपुर पंचायत में भी यह शुरू हुआ। एक समय वह था जब इस पंचायत के गांव पथरचपटी और खरकुंआ के ग्रामीणों ने टीका का नाम सुनते ही इसका विरोध कर दिया था। साफ कह दिया था कि टीका लेकर मरना नहीं है। आज न सिर्फ इन दोनों गांवों के शत प्रतिशत ग्रामीणों ने टीका ले लिया है, बल्कि पंचायत के अन्य तीन राजस्व गांवों भोजपुर, खरिक और तीलजोड़ी में भी पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। इस तरह कोरोना की तीसरी लहर आने से पूर्व भोजपुर झारखंड की पहली पंचायत बन गई है, जहां के 18 वर्ष से अधिक आयु के एक-एक ग्रामीण का टीकाकरण हो चुका है। पंचायत की मुखिया आशा शर्मा ने इस आशय का प्रमाणपत्र भी बीडीओ अभय कुमार को सौंप दिया है। इस पंचायत की आबादी तकरीबन 3500 है। पंचायत के कुछ ऐसे लोग जो बाहर हैं, उनकी गणना इसमें नहीं की गई है। दैनिक जागरण का 'यस फार वैक्सीनÓ अभियान भी देवघर की जनता को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने में सहायक साबित हुआ।

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उपायुक्त ने दिया 'सुरक्षित गांव हमर गांव' का नारा

शत प्रतिशत टीकाकरण की परिकल्पना के साथ देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने देवघर जिले के लिए 'सुरक्षित गांव हमर गांवÓ का नारा दिया। उन्होंने जो परिकल्पना की, उसके लिए तैयार रोड मैप पर चलकर यह लक्ष्य हासिल किया। उनकी इस परिकल्पना में वाट््सएप ग्रुप बनाकर एक-एक लोगों को जोडऩा, उनसे निरंतर संवाद करना तथा टीका के लिए उन्हें प्रेरित करना था। इसके बाद उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के सहयोग से टीका को लेकर ग्रामीणों मेें फैली तरह-तरह की भ्रातियों को दूर करने के लिए कई माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया। टोला तक में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए उन्होंने माइक्रो प्लान तैयार किया। कई बार ऐसा भी हुआ, जब कीचड़ की वजह से गाड़ी सुदूर क्षेत्रों में नहीं पहुंची तो बीडीओ अभय कुमार पंचायत प्रतिनिधियों की बाइक पर सवार होकर लोगों को जागरूक करने पहुंच गए। पेड़ के नीचे बैठकर चौपाल लगाते और लोगों को समझाते। खुद उपायुक्त ने भी कई मौके पर ऐसा किया।

तब ग्रामीणों ने घेर लिया था टीम को

शुरुआत में पथरचपटी गांव में जब जागरूकता टीम पहुंची, लोगों ने उसे घेर लिया। बीडीओ को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस को भेजकर माहौल शांत कराया। पंचायत सेवक सौरभ बताते हैं कि खरकुंआ गांव में जब पहली बार टीका देने टीम पहुंची तो एक भी लोगों ने टीका नहीं लिया। मुखिया आशा शर्मा ने कहा कि लगभग एक महीने तक उन्होंने गांव के एक-एक घर में दस्तक दी। तीन वर्ग किलोमीटर में फैली इस पंचायत में जहां भी जाती, सब कहते- हम सबके बदले ही आप ही टीका ले लो। हमलोगों को मरना नहीं है। बाद में जब लोगों ने टीके का महत्व समझा तो परिणाम सबके सामने है।

संभावित तीसरी लहर आने से पहले देवघर को पूरी तरह सुरक्षित करना है। सौ प्रतिशत टीका लेने में अभी देवीपुर की भोजपुर पंचायत नंबर वन बनी है। यह उपलब्धि पूरी टीम वर्क से हुआ है। अब एक-एक कर सभी पंचायतों के लोग पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कर दुनिया को यह संदेश देंगे कि झारखंड टीका लेने में सबसे आगे है।

-मंजूनाथ भजंत्री, उपायुक्त देवघर।


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