बलि का अभिमान चूर करने के लिए प्रभु ने लिया वामन अवतार
संस, थापरनगर : निरसा-जामताड़ा रोड स्थित राधा गो¨वद मंदिर प्रांगण में श्रीमद भागवत कथा जी के
संस, थापरनगर : निरसा-जामताड़ा रोड स्थित राधा गो¨वद मंदिर प्रांगण में श्रीमद भागवत कथा जी के चौथे दिन गोवर्धन से आए कथा वाचक आचार्य कान्हा कौशिक जी महाराज ने वामन अवतार व कृष्ण जन्म का बड़ा ही मनमोहक वर्णन किया। भक्तों ने कथा का बड़े ही श्रद्धा के साथ श्रवण किया।
आचार्य जी ने बताया कि महाराज बलि को बड़ा अभिमान था। उनका ऐसा मानना था कि दुनिया में ऐसा कोई भी नहीं जो मेरे द्वार से खाली हाथ जा सके। जिसकी कोई इच्छा और मैं पूरी न कर सकूं। महाराज बलि के इसी अभिमान को चूर करने के लिए प्रभु ने वामन अवतार लिया। वामन अवतार लेकर महाराज बलि के अभिमान को चूर किया और साथ ही साथ महाराज का उद्धार किया।
आचार्य जी द्वारा भागवत कथा एवं मनमोहक भजन सुनकर श्रोताओं ने काफी आनंद उठाया। उसके बाद श्री कृष्ण अवतार हुआ। पूरा माहौल भक्तिमय हो नन्द घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की जयकारों से गूंज उठा । साथ ही साथ आचार्य जी ने बताया कि भक्ति की तीन धाराएं होती हैं। विश्वास, संबंध और समर्पण। मौके पर मुख्य रूप से सुरेन्द्र ¨सह, शालिग्राम ¨सह, डबली शर्मा, राजू शर्मा, संजय शर्मा, मैनेजर आरपी पांडेय, पृथ्वीनाथ झा, संजय तायल, विश्वनाथ मित्तल, मोहनलाल अग्रवाल, रोशन भलोटिया, शक्तिपदो मंडल, सीताराम गोयल, नोरंग खरकिया, माधोप्रसाद खरकिया, प्रदीप गोयल, सुशील गोयल, सुदामा जी, संजय मिश्रा मुख्यरूप से उपस्थित थे।