श्रीमद्भागवत कथा में संतों की महिमा का बखान
संस चासनाला जिस घर व परिवार में आपसी प्रेम सछ्वाव और परमात्मा का भजन होता है। वहां सार
संस, चासनाला : जिस घर व परिवार में आपसी प्रेम, सछ्वाव और परमात्मा का भजन होता है। वहां सारे सुख व संपति होती है। परंतु जहां झगड़ा, क्लेश, द्वेष व नारियों का सम्मान नही होता। वह घर कभी खुशहाल नही हो सकता है। उक्त बातें श्रीधाम वृंदावन से पधारे पंडित अरविद गर्गाचार्यजी ने प्रवचन के दौरान कही। सुदामडीह दोनों लाइन बीच कालोनी स्थित श्रीश्री गिरिजेश्वरनाथ महादेव मंदिर प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय श्रीश्री रुद्र महायज्ञ के दूसरे दिन श्रीमद भागवत कथा में संतों की महिमा का वर्णन कर रहे थे।
पंडित अरविद गर्गाचार्यजी ने कहा कि जैसे कुसंग का संगत करने से दुर्गुण आता है। ठीक वैसे ही संतो का संगत करने पर सद्गुण आते हैं। संत महात्माओं का सानिध्य प्रत्येक मनुष्य को करना चाहिए। संत तितिक्षु मतलब सहनशील, करुणाकरन, दयावान, जीव मात्र को अपना मानने वाला, अजातशत्रु, शांत होते हैं। अपने आप को संतो की चरण रज से और अधिक पवित्र करता हूं। उन्होंने कथा के दौरान एक संत की कथा सुनाई। मंत्रोच्चारण से माहौल भक्तिमय हो गया है। यज्ञाचार्य पंडित ओंकार नाथ शास्त्री व सहयोगी पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन, पूजन व आरती की। मौके पर नागेंद्र सिंह, उपेन्द्र सिंह, सोनू पाठक, संतोष सिंह, मितन रवानी, अजीत सिंह, अमित सिंह आदि लगे हैं।
---------------- मां दुर्गे के जयकारे से गूंज उठा यज्ञस्थल
संस, राजगंज: धारकिरो में आयोजित पांच दिवसीय शतचंडी महायज्ञ में शनिवार को श्रद्धालुओं ने मंडप की परिक्रमा की। जय माता दी, दुर्गा माई की जयकारे से यज्ञस्थल गूंज उठा। आचार्यों द्वारा पूजा व हवन कराया गया। संध्या बेला में आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। आसपास के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। ज्ञानचंद तिवारी, पीयूष तिवारी, देवांशु तिवारी, उपेंद्र नाथ तिवारी, कृपाशंकर तिवारी, नकुलचंद्र तिवारी, पशुपतिनाथ तिवारी, हरिप्रसाद तिवारी, लाडुगोपाल तिवारी, दीपक तिवारी, मुकेश प्रसाद तिवारी, बलराम तिवारी, गोकुल तिवारी आदि मौजूद थे।