गरीबी की कड़वाहट मिटा रही शहद की मिठास, तोपचांची में मधुमक्खी पालन से आ रही खुशहाली Dhanbad News
तोपचांची प्रखंड में मधुमक्खी पालन से रोजगार को मीठी उड़ान देने की तैयारी है। पावापुर हरिहरपुर व मदैयडीह में राज्य सरकार के सहयोग से मधुमक्खी पालन योजना की शुरुआत की गई है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: तोपचांची प्रखंड में मधुमक्खी पालन से रोजगार को मीठी उड़ान देने की तैयारी है। पावापुर, हरिहरपुर व मदैयडीह में राज्य सरकार के सहयोग से पहली बार मधुमक्खी पालन योजना की शुरुआत की गई है। यह प्रयास सफल रहा तो प्रखंड के दूसरे पंचायतों के कृषकों को मधुमक्खी पालन से जोड़ा जाएगा। इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कृषक को अपनी तरफ से मामूली राशि लगानी है। एक लाख के मधुमक्खी पालन योजना में 80 फीसद अंशदान सरकार कर रही है। कृषक सुदेश प्रसाद ने सरकारी सहयोग से मधुमक्खी पालन की शुरुआत की है। सुदेश प्रसाद ने बताया कि उन्होंने सरकारी सहयोग से 20 बॉक्स में मधुमक्खी पालन आरंभ किया है।
प्रति माह एक बक्से पर 150 का खर्च आता है। 20 बॉक्स में मधुमक्खी पालन से उन्हें लगभग 40 किलोग्राम शहद प्राप्त होगा। शहद को निकालने के लिए सरकार की ओर से सेंट्रीफ्यूगल बॉक्स भी प्रदान किया गया है। मधुमक्खी पालन से उनकी आय में वृद्धि होगी। तोपचांची बीडीओ विजय कुमार ने बताया कि हरिहरपुर व मदैयडीह में भी एक-एक कृषक को मधुमक्खी पालन योजना दी गई है। आगे चलकर दूसरे कृषकों को भी इससे जोड़ा जाएगा।
सोलर जलमीनार से जलसंकट से मुक्ति: तोपचांची प्रखंड के कोरकोट्टा गांव में 14वें वित्त आयोग की योजना से 3.66 लाख की लागत से दो हजार लीटर क्षमता का सोलर जलमीनार बैठाया गया है। इससे महिलाओं को दूर-दूर से पानी भरकर लाने में मुक्ति मिली है। यह सोलर पंपसेट से चलता है। इसके लगने से कोरकोट्टा की कल्पना देवी, खेतनी देवी व अलकाही देवी काफी खुशी है। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्हें दूर-दूर से पेयजल लाना पड़ता था जिसमें बच्चे भी सहयोग करते थे। इस कारण बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी बाधित होती थी।
प्रखंड के पावापुर, हरिहरपुर व मदैयडीह में पहली बार मधुमक्खी पालन योजना की शुरुआत की गई है। जलापूर्ति के लिए गांवों में सोलर जलमीनार बनाए जा रहे हैं। तोपचांची प्रखंड में करीब 38 सोलर जलमीनार बनाए जा रहे हैं, जिसमें 20 बनकर तैयार हैं।
- विजय कुमार, बीडीओ, तोपचांची