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जेआरडीए की नहीं, अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को बसाने की जिम्मेदारी बीसीसीएल की: डीसी

अग्नि प्रभावित क्षेत्र में बीसीसीएल के कुल आठ हजार आवासों पर अभी भी अवैध कब्जा है। इन्हें खाली कराने में कंपनी को परेशानी आ रही है। झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकरण के गठन के बाद अग्नि प्रभावित क्षेत्र से बीसीसीएल कर्मियों को अन्यत्र बसाने की योजना तय की गई थी।

By Atul SinghEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 10:50 AM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 10:50 AM (IST)
जेआरडीए की नहीं, अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को बसाने की जिम्मेदारी बीसीसीएल की: डीसी
अग्नि प्रभावित क्षेत्र में बीसीसीएल के कुल आठ हजार आवासों पर अभी भी अवैध कब्जा है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

धनबाद, जेएनएन : अग्नि प्रभावित क्षेत्र में बीसीसीएल के कुल आठ हजार आवासों पर अभी भी अवैध कब्जा है। इन्हें खाली कराने में कंपनी को परेशानी आ रही है। झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकरण के गठन के बाद अग्नि प्रभावित क्षेत्र से बीसीसीएल कर्मियों एवं अतिक्रमणकारियों दोनों को अन्यत्र बसाने की योजना तय की गई थी। इसके तहत तकरीबन 16000 बीसीसीएल कर्मियों को अग्नि प्रभावित क्षेत्र से हटाया गया। उनके जो आवास खाली हुए उन्हें ध्वस्त कर दिया जाना था। अधिकारियों के मुताबिक ऐसे 8370 आवास ध्वस्त किए जा चुके हैं। बावजूद इसके  8000 आवास ऐसे हैं जिन्हें ध्वस्त किया जाना है। अवैध कब्जा एवं अन्य कारणों से फिलहाल ध्वस्त नहीं किए जा सके हैं। इसके लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता रहा है।

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जहां तक अतिक्रमणकारियों की बात तो कुल 18000 आवासों में 6300 आवास जेआरडीए की ओर से बनकर तैयार है। 8000 और आवास इन्हें कर्माटांड़ में बीसीसीएल ने दिया है। फिलहाल 5100 अतिक्रमणकारी बेलगढिया  स्थित झरिया विहार  कॉलोनी में बसाए गए हैं। 9200 के करीब लोगों को और बसाने का मार्ग  प्रशस्त हो गया है।

बता दें कि गोरखपुरिया कॉलोनी के पास भू-धसान में महिला की मौत के बाद यह मामला सामने आया था कि उस जगह कई ऐसे परिवार बसे हुए हैं जो 2004 और 2009 के कट ऑफ डेट तक वहां नहीं थे। बीसीसीएल के आवासों में कई लोगों ने 2019 में हुए सर्वे के बाद कब्जा जमाया है। उपायुक्त ने बीसीसीएल सीएमडी को पत्र लिखकर यह कहा था यह कैसे संभव हुआ। यह किसकी लापरवाही है और आवास खाली हुआ तो उसे ध्वस्त क्यों नहीं किया गया। उन्होंने सर्वे के बाद आए लोगों को बसाने की जिम्मेदारी बीसीसीएल पर देते हुए साफ कह दिया कि इन्हें जेआरडीए  नहीं बसाएगा। इसके बाद कंपनी ने ऐसे आवासों को चिन्हित किया है।  जिन्हें बीसीसीएल कर्मियों ने खाली कर दिया और उसे अन्य लोगों ने कब्जे में ले लिया।


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