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Dhanbad Mining Department: कोयला डिस्पैच में आई कमी से राजस्व की नहीं हो रही प्राप्ति

जिला खनन विभाग को धनबाद में सबसे अधिक राजस्व कोयला क्षेत्र से आता है कोयला के डिस्पैच पर ही सरकार के खाते में राजस्व की प्राप्त होती है। कुल राजस्व का 30 फीसदी राशि जिला खनिज फाउडेशन ट्रस्ट व दस रुपया प्रतिटन कोविड सेस के रूप में मिलता है।

By Atul SinghEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 05:29 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 05:29 PM (IST)
Dhanbad Mining Department: कोयला डिस्पैच में आई कमी से राजस्व की नहीं हो रही प्राप्ति
जिला खनन विभाग को धनबाद में सबसे अधिक राजस्व कोयला क्षेत्र से आता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

धनबाद, जेएनएन : जिला खनन विभाग को धनबाद में सबसे अधिक राजस्व कोयला क्षेत्र से आता है कोयला के डिस्पैच पर ही सरकार के खाते में राजस्व की प्राप्त होती है।  कुल राजस्व का 30 फीसदी राशि जिला खनिज फाउडेशन ट्रस्ट व दस रुपया  प्रतिटन कोविड सेस के रूप में मिलता है। अप्रैल से दिसंबर तक वसूली को लेकर राज्य सरकार को भेजी रिपोर्ट में खनन विभाग 50 फीसदी पीछे चल रही  है। सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में इसका उल्लेख है। कोयला व पत्थर बालू के  डिस्पैच पर सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है. खनन विभाग को 1472 कोड 45 लाख राजस्व वसूली का लक्ष्य क्लच है। जिसमें अब तक 748 करोड 81 लाख 71 हजार की राजस्व की प्राप्ति हुई है। इसमें बीसीसीएल से 664 करोड़ 84 लाख 62 हजार,  ईसीएल से 349 करोड़ 5 लाख 49 हजार,  टाटा स्टील से 319 करोड 9लाख 21 हजार, लघु खनिज से 6 करोड़ 46 लाख 12 हजार। जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि राजस्व वसूली में तेजी लाने के लिए खान निरक्षकों को भी विशेष दिशा निर्देश दिए गए है।कोयला कंपनियों से रेल व रोड सेल से संबंधित विस्तार से रिपोर्ट तलब की गई है। दिसंबर में 111 करोड़ 62 लाख राशि प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि खनिज संपदा की चोरी रोकने के लिए भी लगातार विशेष अभियान चालाया जा रहा है।

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