बीसीसीएल के नवनिर्मित आवासों पर सीवीसी की नजर, फंसने के डर से अधिकारियों ने दबा दी फाइल
भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) में मुख्य सतर्कता आयुक्त की नजर श्रमिकों के रहने के लिए बनाए गए 40
आशीष अंबष्ठ, धनबाद: भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) में मुख्य सतर्कता आयुक्त की नजर श्रमिकों के रहने के लिए बनाए गए 4080 आवासों पर है। प्रारंभिक जांच में सीवीसी को इनमें गड़बड़ी मिली थी। सीवीसी ने आइआइटी रुड़की से स्ट्रक्चर स्टैबलिटी जांच कराने का निर्णय लिया है। बावजूद बीसीसीएल के कई अधिकारियों के फंसने से डर से जांच के प्रस्ताव की फाइल ही दबा ली गई है।
दरअसल रुड़की टीम की जांच रिपोर्ट मिलने पर मामले को सीबीआइ को सौंपने की संभावना है। यह संकेत दिल्ली में हुई उच्च स्तरीय बैठक में भी मिला था। सूत्रों का कहना है कि आइआइटी रुड़की को जांच के लिए प्रस्ताव देने पर निर्णय बीसीसीएल प्रबंधन को लेना है। पर, असैनिक विभाग के कई अधिकारी इस मामले में लपेटे में आ रहे हैं। नवंबर 2017 में ही सीवीसी ने रुड़की से जांच की सहमति दी थी। पांच माह बीत चुके हैं। पर, प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। वह फाइल दब गई है। इधर असैनिक विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि निर्माण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। वित्तीय वर्ष 2009-10 में आवास निर्माण योजना शुरू की गई थी। इसे वित्तीय वर्ष 2018-19 तक पूरा करना है। निर्माण कार्य में तीन बड़ी एजेंसियों को लगाया गया है।
जिनकी निगरानी में बने आवास उन्हें ही देना है प्रस्ताव: जिनकी निगरानी में आवास निर्माण हुआ। उनको ही रुड़की से जांच का प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया गया है। बड़ी बात ये है कि ये सारे अधिकारी आठ साल से एक जगह पर काबिज है। केवल टेबल बदली है। इस पर भी विजिलेंस की नजर है।
बीसीसीएल में बन रहे 15852 आवास: करीब 15 सौ करोड़ की लागत से बनवाए जा रहे तीन मंजिला आवासों में गड़बड़ी सीवीसी ने 4080 आवासों की गुप्त रूप से जांच के बाद पकड़ी। बीसीसीएल के विजिलेंस विभाग को रिपोर्ट देकर कार्रवाई का निर्देश भी दे दिया है। दरअसल आग प्रभावित क्षेत्र में रह रहे कोलकर्मियों के लिए कई फेज में कुल 15,852 आवास का निर्माण किया जाना है। अब तक 6414 आवास का निर्माण लगभग पूरा हो गया है।
यहां बन रहे आवास
जगजीवन नगर, मुरलीनगर, कोयला नगर, कार्मिक नगर, चांच-विक्टोरिया, बसंतीमाता, ईस्ट बसुरिया, तेतुलमारी , गोविंदपुर एरिया, कोलमुरना।
ये मिलीं खामियां :
1. आवास निर्माण में भूकंप निरोधक नियमों की अनदेखी हुई।
2. एनआइटी (नोटिस इनवाइटिंग टेंडर) को केंद्रीय स्तर के पोर्टल पर नहीं डाला गया।
3. आवासों की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। बनने के साथ ही कई जगह से आवास क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।