कुजामा आउटसोर्सिंग से 68 लाख टन कोयला निकालने की तैयारी
संस तिसरा बीसीसीएल लोदना क्षेत्र की कुजामा आउटसोर्सिंग परियोजना से सात वर्षों में 68 लाख टन क
संस, तिसरा : बीसीसीएल लोदना क्षेत्र की कुजामा आउटसोर्सिंग परियोजना से सात वर्षों में 68 लाख टन कोयला निकाला जाएगा। कुजामा कोलियरी प्रबंधन जोर-शोर से इसमें जुटा है। लोदना क्षेत्र की कुजामा आउटसोर्सिंग परियोजना से बीसीसीएल को 1100 करोड़ का फायदा होने की उम्मीद है। प्रबंधन ने इस परियोजना में पूरी ताकत लगा दी है।
असंगठित मजदूर और ग्रामीण भी प्रबंधन के निर्णय का तीव्र विरोध कर रहे हैं। प्रबंधन सूत्रों का कहना है कि सब कुछ ठीकठाक रहा तो अगले महीने से परियोजना को शुरू कर दिया जाएगा। प्रबंधन को यहां से लगभग 68 लाख टन कोयला निकलने की उम्मीद है, जबकि 3.50 क्यूबिक मीटर ओबी भी निकाला जाएगा। साढ़े छह सौ मीटर के दायरे में पहले परियोजना शुरू की जाएगी। इसका कार्यकाल सात साल का होगा। परियोजना से यहां की साइडिग के अलावा कुजामा कोलियरी कार्यालय और आसपास की हजारों आबादी भी प्रभावित होकर उजड़ जाएगी।
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बिहार कोलियरी कामगार यूनियन कर रहा विरोध
बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के नेतृत्व में साइडिग के मजदूर और ग्रामीण आउटसोर्सिंग खोलने का तीव्र विरोध कर रहे हैं। मजदूरों का आंदोलन लगातार जारी है। 31 जुलाई को निरसा के पूर्व विधायक बीसीकेयू के महामंत्री और जेबीसीसीआई के सदस्य अरूप चटर्जी की यहां सभा होगी। कोलियरी प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। सभा को सफल बनाने के लिए मजदूर और ग्रामीण जुटे हुए हैं।
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झरिया-बलियापुर सड़क होगी प्रभावित
कुजामा आउटसोर्सिंग के चालू होने के बाद झरिया को पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाली झरिया-बलियापुर सड़क भी प्रभावित होगी। इस सड़क के पास ही कुजामा आउटसोर्सिंग का संचालन किया जाएगा। इस सड़क से हर दिन हजारों लोग आते-जाते हैं। यात्री और निजी वाहन भी चलते हैं। यह क्षेत्र अग्नि और भू धंसान प्रभावित है। कई बार यहां के घरों और सड़क में जमीन धंसने से दरार आ चुकी है। फिर भी लोग जान हथेली पर रखकर रह रहे हैं।
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सीकेडब्ल्यू साइडिग के समीप से आउटसोर्सिंग चलाया जाएगा। आउटसोर्सिंग चलने से लोदना क्षेत्र को काफी मुनाफा होगा। सबसे पहले साइडिग हटाया जाएगा। 688 घरों का विस्थापन किया जाएगा। अभी 106 घर जद में हैं। आठ लोग यहां से चले गए हैं।
- केके सिंह, परियोजना पदाधिकारी कुजामा कोलियरी।