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कोयला उत्पादन व डिस्पैच के लिए बीसीसीएल को मिला 15 सौ करोड़ का बजट

बीसीसीएल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कोयला उत्पादन व डिस्पैच लक्ष्य को पूरा करने के लिए कैपिटल बजट की आवश्यकता होती है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने 15 सौ करोड़ बजट की मंजूरी दी है। बजट की मंजूरी मिलते ही कंपनी कई प्रोजेक्ट पर काम सकेगी।

By Atul SinghEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 11:41 AM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 12:28 PM (IST)
कोयला उत्पादन व डिस्पैच के लिए  बीसीसीएल को मिला 15 सौ करोड़ का बजट
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने 15 सौ करोड़ बजट की मंजूरी दी है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

धनबाद, आशीष अंबष्ठ : बीसीसीएल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कोयला उत्पादन व डिस्पैच लक्ष्य को पूरा करने के लिए कैपिटल बजट की आवश्यकता होती है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने 15 सौ करोड़ बजट की मंजूरी दी है। बजट की मंजूरी मिलते ही कंपनी कई प्रोजेक्ट पर काम सकेगी। कोयला उत्पादन व डिस्पैच लक्ष्य को पूरा करने में आसानी होगी।  मौजूदा समय में बीसीसीएल की स्थिति 70 की दशक जैसी होगी। उस समय बीसीसीएल 17 मिलियन कोयला उत्पादन करती थी। वर्तमान में जो स्थिति है वह लग रहा है कि वह भी आंकड़ा वित्त वर्ष पूरा होते तक पार नहीं कर पाएगी। लक्ष्य 36 मिलियन टन कोयला उत्पादन व डिस्पैच का है। दिसंबर समाप्त होने को है लेकिन अभी तक 20 मिलियन टन भी कोयला उत्पादन नहीं हो पाया है। 

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28 को कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल बीसीसीएल दौरे पर आ रहे हैं कोयला उत्पादन डिस्पैच झरिया पुनर्वास सहित अन्य मामलों को लेकर वह समीक्षा करेंगे।

कोयला का दाम कम कर  बेचने की सलाह

बोर्ड सदस्यों के साथ साथ कोल इंडिया प्रबंधन ने भी बीसीसीएल प्रबंधन को सुझाव दिया है कोयला की श्रेणी स्तर पर समीक्षा कर उसमें दस फीसदी कोयला का दाम घटाकर उपभोक्ताओं के साथ बात कर डिस्पैच में बढ़ोतरी लाए। कोयला का स्टॉक में भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कोयला का श्रेणी में भी गिरावट आती है। कोल इंडिया ने यहां तक सुझाव दिया है कि अगर वाश कोल की बिक्री में कमी है , अन्य श्रेणी के कोयला की मांग है उसकी बिक्री में तेजी लाए।

मुनीडीह में रेल लाइन बिछाने को राइट्स करेगी सर्वे

बीसीसीएल बोर्ड ने मुनीडीह वाशरी में रेल लाइन बिछाने को लेकर राइट्स को प्लान रिपोर्ट तैयार करना है। इस मद में करीब 50 करोड़ का बजट की अनुमति दी गई है। जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा। कोयला मंत्रालय का भी वाश कोल पर अधिक उत्पादन करने का दबाव है। बीसीसीएल को वाश कोल से अधिक लाभ होता है।


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