आशीष अंबष्ठ, धनबाद: झरिया के अग्नि प्रभावित के लोगों के विस्थापन को लेकर बीसीसीएल और झरिया पुनर्वास व विकास प्राधिकार के अधिकारी एक दूसरे पर फेंकाफेकी कर रहे हैं। एक तरफ जहां बीसीसीएल के आठ हजार आवासों के निर्माण के बाद उनमें लोगों को बसाने के लिए प्राधिकार को बार-बार पत्र लिख रहा है। वहीं प्राधिकार के अधिकारी इसे बीसीसीएल की जबावदेही बताकर पल्लाझाड़ ले रहे हैं।

अधिकारियों के इस गैर जिम्मेदाराना रवैया का हद तब हो गई जब प्राधिकार के अधिकारियों ने बीसीसीएल को पत्र लिखकर आठ हजार आवासों का टेकओवर लेने से मना कर दिया है। अधिकारियों के इस रवैये से सबसे अधिक नुकसान विस्थापित होने वाले लोगों को उठानी पड़ रही है, जो हर दिन भूमिगत आग के बीच अपनी जिंदगी काट रहे हैं।

बीसीसीएल और जरेडा के बीच पत्राचार का यह सिलसिला 2020 से ही चल रहा है। जब विस्थापन को लेकर हाई पावर कंसल्टिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। बीसीसीएल के तकनीकी निदेशक संचालन के द्वारा लिखे पत्रों पर जरेडा के पदाधिकारियों द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बीसीसीएल के तकनीकी निदेशक संचालन संजय कुमार सिंह ने छह दिसंबर को जरेडा प्रभारी को पत्र लिखकर आठ हजार आवासों को टेकओवर लेने की बात कही। इसका जवाब जनवरी के पहले सप्ताह में जरेडा के एमडी संदीप सिंह ने बीसीसीएल सीएमडी को पत्र लिख कर, तब तक कस्टडी लेने से मना कर दिया जब तक, प्रभावित लोगों के दस्तावेज का सत्यापन पूरा नहीं हो जाता और आवासों की सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती।

उपायुक्त धनबाद संदीप सिंह ने इस पर कहा कि जब तक लाभूकों की पहचान कर उन्हें आवास देने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर ली जाती। बीसीसीएल को आठ हजार आवासों का कस्टडी अपने पास रखने के लिए कहा गया है।

Edited By: Mohit Tripathi