सेंद्रा बांसजोड़ा में स्विच लगाने में ब्लास्ट, पांच कोलकर्मी झुलसे
धनबाद-लोयाबाद : बीसीसीएल की सिजुआ एरिया के सेंद्रा बांसजोड़ा(रिजनल) वर्कशॉप के पास मंगलवार को इलेक्ट्
धनबाद-लोयाबाद : बीसीसीएल की सिजुआ एरिया के सेंद्रा बांसजोड़ा(रिजनल) वर्कशॉप के पास मंगलवार को इलेक्ट्रिकल स्विच लगाने के दौरान हुए ब्लास्ट में पांच बीसीसीएलकर्मी गंभीर रूप से झुलस गए। हादसा मंगलवार की प्रथम पाली में दोपहर तीन बजे हुआ। कतरास क्षेत्र के बांसजोड़ा स्थित रामकनाली सब स्टेशन में मंगलवार को अचानक स्वीच ब्लास्ट कर गया। घटना में फोरमैन सहित 5 कर्मी झुलस गए। फोरमेन राधामोहन मिश्रा, बिजली मिस्त्री रामेश्वर राणा, कर्मी राकी मंडल, संजय पांडेय व गो¨वद राम शामिल हैं। फोरमैन की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
हादसा होते ही अफरातफरी मच गई। झुलसे कर्मचारियों को घटना के तुरंत बाद निजी वाहनों से केंद्रीय अस्पताल लाया गया। मुख्य चिकित्सा सेवाएं डॉ. संजीव गोलाश खुद टीम के साथ घायलों के इलाज में जुट गए।
घायलों का इलाज केंद्रीय अस्पताल में चल रहा है।
पांचों कर्मचारियों ने हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि स्विच लगाने के दौरान ब्लास्ट होने से आग की तेज लपटें निकलीं। लपटों की चपेट में आकर चार मजदूर झुलस गए। हादसे में शरीर का अधिकांश भाग जल गया। चेहरे, पैर, हाथ बुरी तरह झुलस गए हैं। सभी घायलों को केंद्रीय अस्पताल के आइसीयू में भर्ती किया गया है।
सूचना मिलते ही टीम के साथ पहुंचे निदेशक : घटना की सूचना मिलते तकनीकी निदेशक देवल गांगुली, जीएम सिजुआ पीके चंद्रा, कतरास एरिया जीएम, डीसीकेएस के महासचिव केपी गुप्ता केंद्रीय अस्पताल पहुंच घायलों का हालचाल लिया।
खतरे से बाहर सभी कर्मचारी: मुख्य चिकित्सा सेवाएं डॉ. संजीव गोलाश ने बताया कि सभी घायल कर्मी खतरे से बाहर हैं। उनका बेहतर इलाज चल रहा है। जरूरत महसूस हुई तो बाहर भी रेफर किया जाएगा।
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घटना दुखद है। पूरी जांच होगी। विद्युत विभाग के अभियंता द्वारा जांच करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। कर्मचारियों के इलाज में किसी
भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी।
देवल गांगुली, तकनीकी निदेशक, बीसीसीएल
---------------------- डीजीएमएस के निदेशक अजय कुमार ¨सह, कतरास क्षेत्र के जीएम जितेंद्र मल्लिक, सिजुआ क्षेत्र के एजीएम चंदन भट्टाचार्य तथा आरसी प्रसाद सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच तहकीकात की।
6600 वोल्ट के इस स्विच की कीमत तकरीबन 5 लाख रुपये है। लाइन बंद रहने के बाद भी विद्युत प्रवाहित कैसे हो गई, इसकी जांच की जा रही है।