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दहशत में बरवाअड्डा सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता, भाई ने सीआइडी से लगाई सुरक्षा की गुहार

पीडि़ता का भाई अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् की कार्यकारी अध्यक्ष कुंदरेशी मुंडा के साथ पांच जून को शिवधारी राम के पास पहुंचा तो वहां उन्होंने समझौते का प्रस्ताव दिया।

By mritunjayEdited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 09:09 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 02:13 PM (IST)
दहशत में बरवाअड्डा सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता, भाई ने सीआइडी से लगाई सुरक्षा की गुहार
दहशत में बरवाअड्डा सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता, भाई ने सीआइडी से लगाई सुरक्षा की गुहार

रांची, दिलीप कुमार। बरवाअडडा स्थित पंडुकी मैदान में 24 सितंबर की रात रांची के मांडर की जिस युवती की हैवानों ने अस्मत लूट ली थी, अब उसके परिवार पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। युवती से न सिर्फ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, बल्कि पत्थर से कूचकर उसकी हत्या की भी कोशिश की गई थी। इतने दिनों के बाद भी पीडि़ता जख्मी हालत में है। इतना सबकुछ होने के बावजूद आरोपितों पर कार्रवाई की बजाय जिम्मेदार ही अब समझौते के लिए पीडि़त पक्ष पर दबाव बना रहे हैं। पीडि़ता के भाई के अनुसार झारखंड राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष शिवधारी राम ने भी उसे आरोपितों से समझौता कर लेने को कहा है।

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इस घटना से डरकर पीडि़ता का भाई मंगलवार को अपने और परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाने सीआइडी मुख्यालय पहुंचा। उसने आरोप लगाया कि झारखंड राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के कहने पर नीरज कुमार बेसरा उनके घर पहुंचे थे। इसके बाद पीडि़ता का भाई अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् की कार्यकारी अध्यक्ष कुंदरेशी मुंडा के साथ पांच जून को शिवधारी राम के पास पहुंचा तो वहां उन्होंने समझौते का प्रस्ताव दिया। पीडि़ता के भाई व कुंदरेशी मुंडा ने जब उनके प्रस्ताव पर विरोध जताया तो आयोग अध्यक्ष बैकफुट पर आए और कहा- ठीक है, सबकुछ कोर्ट के फैसले पर छोड़ दो। पीडि़ता के भाई का कहना है कि उन्हें भय है कि गवाही के वक्त उन्हें नुकसान पहुंचाया जा सकता है। उनकी सुरक्षा को खतरा है।

हमने किसी को नहीं बुलाया। वे खुद आए थे और आपस में ही आरोपितों से बातचीत किए थे। मेरे उपर लगाया जा रहा आरोप गलत है।

शिवधारी राम, अध्यक्ष, झारखंड राज्य अनुसूचित जाति आयोग।

दोषी पक्ष ने खुद को निर्दोष बताते हुए आवेदन दिया था। अध्यक्ष के पीएस शेषनाथ उपाध्याय ने ही पूरी जानकारी लेने के लिए पीडि़त पक्ष को बुलाया था। मैं खुद यह संदेश लेकर पीडि़त परिवार से मिलने गया था।

नीरज कुमार बेसरा, महासचिव, एससी/एसटी ओबीसी को-आर्डिनेशन कांउंसिल।

पहले तो अध्यक्ष शिवधारी राम ने आपस में समझौते का प्रस्ताव रखा। मैंने इसका पुरजोर विरोध किया। जब मैं उन्हें पूरी जानकारी दी तो वे शांत हो गए और अपनी बात वापस ले लिए।

कुंदरेशी मुंडा, कार्यकारी अध्यक्ष, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् रांची।

आरोपित जो जेल में हैंः परितोष पांडेय, प्रकाश हाजरा, गुडडू कुमार व कुंदन हाजरा।

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