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Baba Baidyanath Temple Deoghar: सबके हैं बाबा बैद्यनाथ, प्रतिबंध के बावजूद झारखंड से बाहर के भक्तों का हो रहा जुटान

Baba Baidyanath Temple Deoghar आम श्रद्धालुओं के लिए सुबह 6 से 10 बजे तक मंदिर का पट खोला जा रहा है। मात्र दो सौ लोगों को पूजा करने की इजाजत है।झारखंड के बाहर के भक्त नहीं आ सकते।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 06:26 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 09:39 AM (IST)
Baba Baidyanath Temple Deoghar: सबके हैं बाबा बैद्यनाथ, प्रतिबंध के बावजूद झारखंड से बाहर के भक्तों का हो रहा जुटान
Baba Baidyanath Temple Deoghar: सबके हैं बाबा बैद्यनाथ, प्रतिबंध के बावजूद झारखंड से बाहर के भक्तों का हो रहा जुटान

देवघर, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद झारखंड सरकार ने 27 अगस्त से आम श्रद्धालुओं के लिए बाबा बैद्यनाथ मंदिर का दरवाजा खोल दिया है। हालांकि कुछ शर्तें भी लागू हैं। प्रतिदिन 200 भक्तों के मंदिर में प्रवेश करने की सीमा निर्धारित है। साथ ही भक्त सिर्फ झारखंड के ही होने चाहिए। झारखंड के बाहर से दूसरे राज्यों के भक्तों के देवघर में प्रवेश पर प्रतिबंध है। यह सब बाबाधाम भक्तों की भीड़ रोकने के लिए किया गया है। मंदिर खुलने के बाद ज्यादा संख्या में भक्त पहुंचने लगे हैं। पड़ोसी राज्य बिहार से भी बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ पहुंच रही है। स्थिति नियंत्रित करना देवघर पुलिस-प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ई-पास की व्यवस्था लागू करने में जुट गया है। 

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200 के बदले रविवार को देवघर पहुंच गए दो हजार भक्त

आम श्रद्धालुओं के लिए सुबह छह से दस बजे तक मंदिर का पट खोला जा रहा है। इसमें मात्र दो सौ लोगों को पूजा करने की इजाजत है। इसमें भी दूसरे राज्य के लोगों को पूजा की अनुमति नहीं है। लेकिन चौथे दिन रविवार को बाबा का दरबार भक्तों से इस कदर गुलजार हुआ जिसकी लोगों को उम्मीद नहीं थी। आलम यह था कि इस भीड़ को नियंत्रित करने में जिला व पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए। प्रशासन को भी अंदाजा नहीं था कि अचानक इस तरह से भीड़ हो जाएगी। फुट ओवर ब्रिज हो या संस्कार मंडप शारीरिक दूरी के मायने समाप्त हो गए थे। न केवल देवघर व राज्य के अन्य जिलों से बल्कि बिहार के मुज्जफरपुर, बांका, बेलहर, चांदन, जमुई व झाझा सहित बिहार के सीमावर्ती इलाकों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा के लिए पहुंचे हुए थे। कुल मिलाकर निर्धारित संख्या से दस गुना अधिक यानी दो हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा दरबार में पहुंच गए थे और इतनी बड़ी भीड़ के लिए की गई व्यवस्था नाकाफी रहा। जिसका परिणाम था कि अफरा-तफरा का माहौल रहा और शारीरिक दूरी का अनुपालन नहीं हो रहा था।

अतिरिक्त पुलिस बल बुलानी पड़ी

भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल के अलावा मंदिर कर्मियों भी भीड़ को नियंत्रित करने व शारीरिक दूरी का अनुपालन कराने के लिए तैनात करना पड़ा। हालांकि सभी को पूजा कराकर निर्धारित समय सुबह दस बजे बाबा मंदिर का पट बंद कर दिया गया। रविवार को सुबह के चार मंदिर का दरवाजा खोला गया। उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह, अनुमंडलाधिकार, देवघर विशाल सागर व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विकास चंद श्रीवास्तव सहित अन्य पदाधिकारियों के उपस्थिति में सरकारी पूजा के लिए बाबा का पट खोला गया। पुजारी छोटे लाल झा द्वारा सरकारी पूजा कराया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू था। जिन्हें चार दिनों में पहली बार फुट ओवर ब्रिज से प्रवेश कराकर संस्कार मंडप में जमा किया जा रहा था। सुबह छह बजे पट आम श्रद्धालुओं के लिए खुला तो भीड़ मानसरोवर स्थित फुट ओवर ब्रिज के प्रवेश द्वार तक पहुंच गई थी, तब जाकर लोगों को मामला समझ में आने लगा कि यह तो निर्धारित संख्या से बहुत ज्यादा हो गया। भक्तों के बीच की शारीरिक दूरी भी समाप्त हो चुकी थी। यह देखना था कि प्रशासन व मंदिर कर्मी सतर्क हो गए। एसडीओ व एसडीपीओ फुट ओवर ब्रिज के प्रवेश द्वार पर तैनात हो गए, जबकि पुलिस व मंदिर कर्मी भक्तों के बीच शारीरिक दूरी बनाते हुए कतार को नियंत्रित करने में जुट गए। वहीं उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह नियंत्रण कक्ष में स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। कतार में लगे सभी श्रद्धालुओं को निर्धारित समय सुबह दस बजे तक पूजा करा दिया गया था।

सोमवार को लेकर प्रशासन सतर्क

रविवार को उमड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन सोमवार को लेकर भी सतर्क हो गया है कि इस तरह की भीड़ हुई तो शारीरिक दूरी के साथ कैसे पूजा कराया जाए, इसकी व्यवस्था को लेकर मंथन शुरू हो गया। इस क्रम में रविवार को एसडीओ विशाल सागर व एसडीपीओ विकास चंद श्रीवास्तव ने निर्माणाधीन क्यू कॉम्पलेक्स का जायजा लिया। कहा गया कि अगर सोमवार को भी भीड़ रहती है तो क्यू कॉपलेक्स का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि भक्तों के बीच शारीरिक दूरी बनी रहे। अचानक भीड़ आ गई, इसकी उम्मीद नहीं की गई थी। बावजूद इसके भीड़ को नियंत्रित कर लिया गया तथा शारीरिक दूरी के साथ भक्तों को पूजा कराया गया।

एक सप्ताह में लागू होगी ई-पास व्यवस्था

अगले दो दिनों में ई-पास की व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इसमें टाइम स्लॉट का प्रावधान रहेगा। एक सप्ताह के अंदर का ही ई-पास निर्गत किया जाएगा। इससे नियंत्रण के साथ दो सौ लोगों को पूजा कराया जा सकता है। क्योंकि लोगों को भी पता रहेगा कि उन्हें किस दिन व कब दर्शन करना है। अभी तक ओपेन था, ई-पास लागू नहीं है। लोगों को यहां की व्यवस्था की सही जानकारी भी नहीं है। ई-पास लागू होने के साथ सभी व्यस्था सुचारू रूप से संचालित की जा सकेगी। व्यवस्था को सफल बनाने में सामूहिक प्रयास आवश्यक है। सिर्फ झारखंड के लोगों को ही पूजा की अनुमति है।


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