Baba Baidyanath Temple Deoghar: भक्तों के लिए खुला बाबाधाम और बासुकीनाथ मंदिर का दरवाजा, जानें दर्शन-पूजन की शर्तें
Baba Baidyanath and Baba Basukinath Temple आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि केवल झारखंड के निवासी ही इन दोनों प्रमुख मंदिरों में प्रवेश पा सकेंगे।
देवघर/ बासुकीनाथ, जेएनएन। Baba Baidyanath and Baba Basukinath Temple देवघर के प्रसिद्ध बैद्यनाथ धाम मंदिर व दुमका जिले के बासुकीनाथ धाम मंदिर का दरवाजा गुरुवार सुबह आम भक्तों के लिए खुल गया। दोनों मंदिर 25 मार्च, 2020 को कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के बाद से ही बंद थे। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड सरकार के आदेश जारी होने के बाद मंदिर खोले गए हैं। गुरुवार सुबह से ही दोनों मंदिरों में भक्तों का पहुंचना जारी है।
बाबा मंदिर का पट सरकार के निर्णय के आलोक में गुरुवार सुबह आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गया। सरकार के निर्णय के तहत सुबह 6:00 बजे से 10:00 के बीच शारीरिक दूरी अनुपालन करते हुए प्रति घंटा 50 श्रद्धालुओं के दर्शन अनुमति दी गई है। सुबह पट खुलते ही उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह, आरक्षी अधीक्षक पीयूष पांडे, एसडीओ विशाल सागर ने मंदिर पहुंचकर पूजा व्यवस्था का जायजा लिया। यह सुनिश्चित किया गया कि श्रद्धालु शारीरिक दूरी का अनुपालन करें । मास्क सैनिटाइजर का प्रयोग करें । साथ ही साथ मंदिर में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं । मंदिर में बाबा भोले का दर्शन सुचारू रूप से जारी है।
देवघर और दुमका के उपायुक्तों ने मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए शिड्यूल जारी किए हैं। निर्देश के अनुसार दोनों मंदिरों में प्रतिदिन सिर्फ चार घंटे के लिए ही दर्शन की सुविधा उपलब्ध होगी। वहीं देवघर में प्रत्येक घंटे सिर्फ 50 श्रद्धालु और बासुकीनाथ में 40 श्रद्धालु ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। मंदिर में प्रवेश भी ऑनलाइन इंट्री पास के आधार पर ही मिलेगा।
देवघर व दुमका के उपायुक्तों को जारी आदेश में आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि केवल झारखंड के निवासी ही इन दोनों प्रमुख मंदिरों में प्रवेश पा सकेंगे। मंदिर में प्रवेश के पूर्व मास्क लगाना, शारीरिक दूरी का पालन करना और सैनिटाइजेशन आवश्यक होगा। दर्शन संबंधित गतिविधियों की मॉनीटरिंग सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से होगी।
देवघर और दुमका के उपायुक्तों ने मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए शिड्यूल जारी किए हैं। निर्देश के अनुसार दोनों मंदिरों में प्रतिदिन सिर्फ चार घंटे के लिए ही दर्शन की सुविधा उपलब्ध होगी। वहीं देवघर में प्रत्येक घंटे सिर्फ 50 श्रद्धालु और बासुकीनाथ में 40 श्रद्धालु ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। मंदिर में प्रवेश भी ऑनलाइन इंट्री पास के आधार पर ही मिलेगा।