Coal India Ltd: ट्रस्टी गठन होते ही कोयला कर्मियों की मेडिकल सुविधा में होगा लाभ
कोल इंडिया लिमिटेड की कांट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर योजना के ट्रस्टी बोर्ड के पंजीयन की तैयारी शुरू हो गई है। बोर्ड के सभी सदस्यों से पंजीयन के लिए जरूरी दस्तावेज मंगाए गए हैं। इन दस्तावेजों को 28 जनवरी को कोलकाता स्थित सीआईएल मुख्यालय कार्यालय में जमा करना है।
धनबाद, जेएनएन : कोल इंडिया लिमिटेड की कांट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर योजना के ट्रस्टी बोर्ड के पंजीयन की तैयारी शुरू हो गई है। बोर्ड के सभी सदस्यों से पंजीयन के लिए जरूरी दस्तावेज मंगाए गए हैं। इन दस्तावेजों को 28 जनवरी को कोलकाता स्थित सीआईएल मुख्यालय कार्यालय में जमा करना है।
इस ट्रस्टी में यूनियन व कोल इंडिया के प्रतिनिधि भी होंगे। इस व्यवस्था से कोल कर्मियों के इलाज की सुविधा बेहतर हाेगी। इन दस्तावेजों को 28 जनवरी को कोलकाता स्थित सीआईएल मुख्यालय के महाप्रबंधक लीगल के कार्यालय में जमा करने हैं।
ट्रस्टी बोर्ड में सदस्य के रूप में निदेशक पी एंड आईआर सीआईएल आरपी श्रीवास्ताव, निदेशक वित सीआईएल संजीव सोनी, निदेशक कार्मिक सीसीएल-ईसीएल विनय रंजन, महाप्रबंधक एमपी एंड आईआर सीआईएल अजय कुमार चौधरी शामिल हैं।
बोर्ड में यूनियन प्रतिनिधि सदस्य के तौर पर बीएमएस से राजीव रंजन सिंह, एचएमएस से शंकर प्रसाद बेहरा, एटक से अशोक चंद्र यादव, सीटू से वीएम मनोहर सम्मिलित हैं। इस मद में करीब दो हजार करोड़ राशि कोल इंडिया के पास जमा है। इस राशि का संचालन के लिए ट्रस्टी का गठन जरूरी है।
कंट्रीब्युटरी पोस्ट रिटायरमेंट स्कीम पर आठ लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मिलेगी। सभी सेवानिवृत्त कोल कर्मियों को एकमुश्त चालीस हजार रुपये जमा करना होगा। कंपनी की ओर से प्रति कर्मी 18 हजार रुपये जमा किये जाएंगे। कुल 58 हजार रुपया जमा होंगे। ट्रस्ट के माध्यम से पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकल बेनीफिट स्कीम संचालित होगी।
गंभीर बीमारी में राशि की पूरी छूट : गंभीर बीमारी में राशि की पूरी छूट है। सेवानिवृत्त कोल कर्मियों को अगर किसी तरह की कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो उस स्थिति में इलाज कराने को लेकर कोई में राशि खर्च करने की सीमा निर्धारित नहीं है। कंपनी को इसका पूरा खर्च उठाएगी।
स्मार्ट कार्ड की मिलेगी सुविधा : कोल कर्मियों को कैशलेस स्मार्ट कार्ड मिलेगा। सेवानिवृत्त कोल कर्मियों को आठ लाख तक मेडिकल सुविधा दी जाएगी। देश के किसी भी बड़े अस्पातल में आठ लाख तक अपना इलाज करा सकेंगे। गंभीर बीमार होने पर इलाज खर्च की कोई सीमा तय नहीं होगी।