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Art of Living Dhanbad Chapter ने कोरोना योद्धाओं को दिया सम्मान, महामारी में मीडिया की भूमिका की सराहना

Art of Living Dhanbad Chapter कोरोना काल में मीडिया की भूमिका की जितनी सराहना की जाय कम है। मीडिया कर्मी अपनी जान जोखिम में डाकर लगातार काम कर रहे हैं। इनके प्रयासों से हजारों-लाखों कोरोना संक्रमित मरीजों को राहत मिली है।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 09:21 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 09:21 AM (IST)
Art of Living Dhanbad Chapter ने कोरोना योद्धाओं को दिया सम्मान, महामारी में मीडिया की भूमिका की सराहना
मीडियाकर्मियों के साथ आर्ट ऑफ लिविंग के पदाधिकारी।

धनबाद, जेएनएन। आर्ट ऑफ लिविंग धनबाद चैप्टर ने कोरोना योद्धाओं को सम्मान देने का काम किया है। धैया में आयोजित कार्यक्रम के दाैरान आर्ट ऑफ लिविंग की तरफ से कहा गया कि कोरोना काल में मीडिया की भूमिका की जितनी सराहना की जाय कम है। मीडिया कर्मी अपनी जान जोखिम में डाकर लगातार काम कर रहे हैं। इनके प्रयासों से हजारों-लाखों कोरोना संक्रमित मरीजों को राहत मिली है। दवा, ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था हुई है। इस दाैरान बड़ी संख्या में मीडिया कर्मचारियों की भी कोरोना के कारण जान गई है। इन सभी के परिवारों के साथ आर्ट ऑफ लिविंग की सहानुभूति है।

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55 कोरोना योद्धाओं को किया गया सम्मानित

कार्यक्रम के दाैरान 55 प्रेस और मीडिया प्रतिनिधि को 4 से 5 की संख्या में महामारी प्रोटोकोल का पालन करते हुए बारी बारी से कबासुर कुडिनीर और सर्टिफिकेट ऑफ एप्रीसिएशन, उनकी उत्कृष्ट व समर्पित योगदान के लिए संस्था की स्टेट टीचर कोऑर्डिनेटर सोनाली सिंह व आर्ट ऑफ लिविंग ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन जिला प्रभारी मयंक सिंह ने वितरण किया। कबासुर कुडिनीर जो सिद्धा पद्धति (तमिल नाडु प्रदेश की एक अनोखी पद्धति है) और आयुर्वेदिक चिकित्सा की देन है। जिसे आयुष मंत्रालय द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में स्वीकृत और सत्यापित किया गया है।

कबासुर कुडिनिर के लाभ

ये एक हर्बल मिश्रण है जो अपने सूजनरोधी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एनाल्जेसिक इम्यूनोमॉड्यूलेटरी इत्यादि गुणों के लिए जाना जाता है। शरीर की रक्षा करके फ्रंटलाइन बैरियर के रूप में काम करता है। अध्ययन में पाया गया कि इनविट्रो अध्ययनों में कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को प्रतिबंधित करने में काबासुर कुडिनीर औषधि कोरोनोवायरस उपभेदों में स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन का सबसे मजबूत अवरोधक (84%) था।

आर्ट ऑफ लिविंग बैंगलोर आश्रम के संरक्षण में कार्यक्रम

यह कार्यक्रम मिशन जिंदगी, आर्ट ऑफ लिविंग बैंगलोर आश्रम के संरक्षण तथा झारखंड एपेकस के सहयोग से यह सेवा कार्य किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के सुनील गुप्ता, अजोय मुखर्जी, कुंदन कुमार (श्री श्री तत्व) इत्यादि का योगदान रहा। मिशन ज़िंदगी, एक स्वयंसेवी संचालित (IAHV) अखिल भारतीय सेवा की पहल है, जो राहत और सेवा प्रदाताओं की जानकारी के साथ COVID राहत की जानकारी मांगने वालों के अनुरोधों का मिलान करती है, यह सेवा देश के विभिन्न हिस्सों में आर्ट ऑफ़ लिविंग के स्वयंसेवकों द्वारा किया जा रहा है।


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