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अविवाहित नवनियुक्त शिक्षकों ने गर शादी में लिये दहेज तो जाएगी नाैकरी

शिक्षकों के बहाल से होने से यहां अध्ययनरत सात हजार छात्रों की पढ़ाई अब बाधित नहीं होगी। सभी नवनियुक्त स्नातकोत्तर प्रशिक्षित प्लस टू शिक्षकों को 15 दिसंबर तक योगदान देना होगा।

By mritunjayEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 12:53 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 12:53 PM (IST)
अविवाहित नवनियुक्त शिक्षकों ने गर शादी में लिये दहेज तो जाएगी नाैकरी
अविवाहित नवनियुक्त शिक्षकों ने गर शादी में लिये दहेज तो जाएगी नाैकरी

धनबाद, जेएनएन। जिले में प्लस टू उच्च विद्यालयों के लिए नव चयनित शिक्षकों के बीच मंगलवार को नियुक्ति पत्र बांटे गए। डीआरडीए सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दाैरान विधायक राज सिन्हा, एडीएम विधि व्यवस्था राकेश दुबे, जिला शिक्षा पदाधिकारी माधुरी कुमारी ने नियुक्ति पत्र साैंपे। जिले के 18 प्लस टू उच्च विद्यालयों को विभिन्न विषयों के 60 शिक्षक मिले हैं।

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शिक्षकों की नियुक्ति से पठन-पाठन सामान्य होने के आसार हैं। क्योंकि नियुक्ति से शिक्षकों की कमी की समस्या एक हद तक दूर होगी। हालांकि स्कूलों में निर्धारित पद की तुलना में यह संख्या कम है, फिर भी शिक्षा विभाग ने राहत की सांस ली है। इन शिक्षकों के बहाल से होने से यहां अध्ययनरत सात हजार छात्रों की पढ़ाई अब बाधित नहीं होगी। सभी नवनियुक्त स्नातकोत्तर प्रशिक्षित प्लस टू शिक्षकों को 15 दिसंबर तक योगदान देना होगा। नव नियुक्त शिक्षकों से शपथ पत्र भी लिया जा रहा है। अविवाहित शिक्षक शपथ पत्र दे रहे  हैं कि वह शादी में दहेज नहीं लेंगे। सरकार ने निर्देश जारी कर रखा है कि दहेज लेने वाले शिक्षकों को बर्खास्त किया जाएगा। 

किन विषयों में कितने मिले शिक्षक

विषय        शिक्षकों की संख्या

वाणिज्य          10

जीवविज्ञान       06

रसायन विज्ञान    05

अर्थशास्त्र        06

भूगोल            04

संस्कृत           03

अंग्रेजी           08

ङ्क्षहदी             04

इतिहास          06

गणित            03

भौतिक विज्ञान   05

कुल              60

योगदान को लेकर निर्देश

- सभी 60 नवनियुक्त प्लस टू शिक्षकों को 15 तक देना है योगदान।

- समय पर योगदान न देने पर विशेष परिस्थिति में ही माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अनुमति पर योगदान की स्वीकृति।

- योगदान के समय सभी शैक्षणिक-प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों का मूल प्रति से मिलान किया जाएगा।

- जिस वर्ष बीएड सर्टिफिकेट मिला, उस वर्ष संबंधित संस्थान एनसीटीई से मान्यता प्राप्त था या नहीं, इस बात का शपथपत्र देना होगा।

- सिविल सर्जन से निर्गत मेडिकल सर्टिफिकेट।

- किसी भी थाने में फौजदारी या अन्य मुकदमा दर्ज न हो।

- अविवाहित हैं तो इस आशय का शपथपत्र देंगे कि दहेज न लें न देंगे।

- आरक्षित पद पर योगदान करने वाले को झारखंड आवासीय प्रमाणपत्र तथा जाति प्रमाणपत्र एसडीओ द्वारा निर्गत होना चाहिए।


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