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Wasseypur Sedition Case: सीएम के निर्देश पर पुलिस का यू-टर्न, वासेपुर के 3000 लोगों पर नहीं चलेगा राजद्रोह; हेमंत का ट्वीट-कानून डराने के लिए नहीं

एसएसपी किशोर कौशल के आदेश पर सिटी एसपी ने मुकदमे का सुपरविजन किया जिसमें पाया गया कि जुलूस में ऐसा कुछ नहीं किया गया जिसे राजद्रोह के दायरे में माना जाय।

By Sagar SinghEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 10:33 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 01:47 PM (IST)
Wasseypur Sedition Case: सीएम के निर्देश पर पुलिस का यू-टर्न, वासेपुर के 3000 लोगों पर नहीं चलेगा राजद्रोह; हेमंत का ट्वीट-कानून डराने के लिए नहीं
Wasseypur Sedition Case: सीएम के निर्देश पर पुलिस का यू-टर्न, वासेपुर के 3000 लोगों पर नहीं चलेगा राजद्रोह; हेमंत का ट्वीट-कानून डराने के लिए नहीं

धनबाद, जेएनएन। सीएए (CAA protest) के विरोध में प्रशासन की अनुमति के बगैर वासेपुर से जुलूस निकालने वालों पर राजद्रोह की धारा 124 (ए) के तहत मुकदमा नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद धनबाद पुलिस ने यू-टर्न लिया है। वासेपुर के 3 हजार लोगों पर से राज-द्रोह की धारा (Wasseypur Sedition Case) को हटाने का फैसला लिया है। धनबाद पुलिस एक-दो दिन में केस से इस धारा को हटाने के लिए न्यायालय में शुद्धि पत्र देगी।

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दरअसल, मंगलवार 7 जनवरी, 2019 को धनबाद के अल्पसंख्यक बहुल वासेपुर से हजारों लोगों ने बगैर अनुमति के CCA और NRC के विरोध में जुलूस निकाला था। लोग वासेपुर से जुलूस निकाल धनबाद शहर में प्रवेश कर गए थे। जुलूस में शामिल लोग केंद्र सरकार के खिलाफ काफी आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रहे थे। जुलूस में शामिल लोग हाथों में तख्तियां लेकर चल रहे थे जिस पर काफी आपत्तिजनक बातें लिखी थीं। तीन-चार घंटे तक धनबाद शहर में तनावपूर्ण स्थिति रही। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल के साथ एसएसपी किशोर काैशल को खुद सड़क पर उतरना पड़ा था। 

जुलूस में शामिल सात नामजद समेत करीब तीन हजार लोगों पर धनबाद थाना में राष्ट्रद्रोह के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई। यह देश में शायद पहला मामला था कि एक साथ तीन हजार लोगों पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया। एसडीओ राज महेश्वरम के निर्देश पर सीओ प्रशांत कुमार लायक ने थाना में आवेदन दिया था। डीएसपी (विधि व्यवस्था) मुकेश कुमार के निर्देश पर सीओ के आवेदन पर भारतीय दंड विधान की धाराएं लगाई गईं। बुधवार को यह मामला झारखंड के नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंचा। चूंकि, झारखंड में अब भाजपा की सरकार नहीं है। सरकार के दबाव में धनबाद पुलिस तुंरत बैकफुट पर आ गई। एसएसपी किशोर कौशल ने सिटी एसपी आर राम कुमार को केस के सुपरविजन का आदेश दिया। शाम तक रिपोर्ट आ गई। पाया गया कि जुलूस में ऐसा कुछ नहीं किया गया जिसे राजद्रोह के दायरे में माना जाय।

कानून जनता को डराने एवं उनकी आवाज दबाने के लिए नहीं 

धनबाद पुलिस के यूटर्न के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार की रात 10 बजे ट्वीट कर राष्ट्रद्रोह की धारा हटाने की जानकारी दी। उन्होंने अपने ट्विवटर संदेश में लिखा- कानून जनता को डराने एवं उनकी आवाज दबाने के लिए नहीं बल्कि आम जन-मानस में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने को होता है। मेरे नेतृत्व में चल रही सरकार में कानून जनता की आवाज को बुलंद करने का कर्य करेगी। 

राजद्रोह की धारा लगाने पर धनबाद थानेदार को शोकॉज

धनबाद के सिटी एसपी आर राम कुमार ने धनबाद थानेदार संतोष कुमार को शोकॉज किया है। इसमें कहा गया कि वासेपुर के लोगों द्वारा एनआरसी, सीएए और एनआरपी के खिलाफ प्रशासन की अनुमति के बगैर जुलूस निकाला गया था। इस मसले पर प्राथमिकी के लिए जो आवेदन दिया गया है, उसके अवलोकन से धारा 124 (ए) लगाने का औचित्य प्रतीत नहीं होता है। ऐसा लगता है कि आवेदन का गहराई से अवलोकन किए बगैर कांड अंकित कर लिया गया है। यह घोर लापरवाही, मनमानी और अयोग्यता का परिचायक है। सिटी एसपी ने तीन दिनों में स्पष्टीकरण देने को कहा है अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही है।

अनुमति के बगैर जुलूस निकालने वालों पर दर्ज प्राथमिकी से धारा 124 (ए) को हटाया जाएगा। इस केस का सिटी एसपी से सुपरविजन कराया गया। सुपरविजन रिपोर्ट में राजद्रोह की धारा को गलत पाया गया। एक-दो दिन में  न्यायालय में शुद्धि पत्र दिया जाएगा।

-किशोर कौशल, एसएसपी, धनबाद


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