Strike in Coal India: 3 दिनी हड़ताल से उत्साहित मजदूर संगठन 18 अगस्त से करेंगे बेमियादी आंदोलन, कहा-जिद छोड़े सरकार
Strike in Coal India बीएमएस के प्रदेश महामंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद ने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय हड़ताल से हमने सरकार को अपनी ताकत दिखा दी है।
धनबाद, जेएनएन। कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में 2 से 4 जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल प्रभावी रही है। अंतिम दिन शनिवार को बीसीसीएल में तकरीबन 70 फीसद कर्मचारी अपनी ड्यूटी से गायब रहे। हालांकि अन्य दिनों की ही तरह 35 फीसद उपस्थिति दर्ज की गई। इनमें अधिकारी व कर्मचारी वर्ग शामिल हैैं जो कार्यालयों में कार्यरत हैैं। इनके अलावा रखरखाव में लगे मजदूरों को भी कोलियरी जाने दिया गया ताकि कोई हादसा न हो।
मजदूरों के हड़ताल पर रहने की वजह से शनिवार को भी उत्पादन व डिस्पैच का काम पूरी तरह बाधित रहा। हालांकि आउटसोर्सिंग कंपनियों में कुछ हद तक कामकाज होने की सूचना है। इधर प्रबंधन ने हड़ताल में शामिल लोगों पर काम नहीं तो वेतन नहीं के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इन्हें संडे ड्यूटी से भी अलग रखा जाएगा। हड़ताल की सफलता से उत्साहित मजदूर संगठनों ने 18 अगस्त से बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है।
सरकार जिद्दी तो हम भी जिद पर : भामसं
कोयला उद्योग के श्रमिक से संगठनों ने अब लंबी लड़ाई के लिए कमर कस लिया है। शनिवार की दोपहर पांचो प्रमुख श्रमिक संगठनों के नेताओं की वर्चुअल मीटिंग हुई। 18 अगस्त को कॉमर्शियल माइनिंग के टेंडर के दिन एक दिवसीय हड़ताल की जाएगी। 5 जुलाई से सीआईएल की सभी कंपनियों में गेट मीटिंग का दौर शुरू होगा। बीएमएस के नेता डॉ. बीके राय ने बताया कि कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ अब लंबी लड़ाई लड़ी जाएगी। इसका नेतृत्व बीएमएस करेगा। अब इस लड़ाई में कोयला कामगारों के अलावा पूरे समाज को जोड़ा जाएगा। आम जनता को भी बताया जाएगा कि कॉमर्शियल माइनिंग का निर्णय कितना घातक है। डॉ. राय ने कहा कि यदि सरकार जिद पर है तो अब हम भी जिद पर आएंगे। बीएमएस नेता ने बताया कि कॉमर्शियल माइनिंग में शामिल कोल ब्लॉक एरिया का निरीक्षण किया जाएगा। लोगों को जागरूक किया जाएगा। डॉ. राय ने उद्योगपतियों से आव्हान किया कि वे कोल ब्लॉक में पैसा न लगाएं अन्यथा उन्हें पछताना पड़ेगा।
हड़ताल पूरी तरह सफल रही
बीएमएस के प्रदेश महामंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद ने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय हड़ताल से हमने सरकार को अपनी ताकत दिखा दी है। इंटक, बीएमएस, एचएमएस, सीटू व एटक की ओर से संयुक्त रूप से हड़ताल की गई। सभी निबंधित संगठनों ने इसे समर्थन दिया। हम सभी के आभारी हैैं। यह हड़ताल मजदूर यूनियनों के इतिहास में स्वार्णाक्षरों में लिखा जाएगा। प्रबंधन के तमाम प्रयासों के बावजूद हम हड़ताल पर अडिग रहे।
भागवत से प्रेरणा ले भाजपा सरकार
राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के उपाध्यक्ष एके झा, पूर्व मंत्री ओपी लाल पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक, बृजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी कोयला मजदूरों की हड़ताल पूरी तरह सफल रही। हड़ताल में सभी तबके के लोगों का व्यापक समर्थन मिला। कई केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने हड़ताली मजदूरों के मनोबल को बनाए रखने के लिए देश के कई स्थानों पर प्रदर्शन किया। श्रम शक्ति भवन में कोयला मंत्री को मजदूरों के जायज मांग के समर्थन में अपना ज्ञापन भी सौंपा। वर्तमान भाजपा सरकार जो समवाद में विश्वास नहीं करती, मजदूरों की ताकत को नजरअंदाज कर रही है, मजदूर परिवार और मजदूर प्रतिनिधि की बात को सुनने के लिए कतई तैयार नहीं है, उसे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से अवश्य ज्ञान मिलेगा। दबाव पड़ेगा और उन्हें राष्ट्रहित में कोल इंडिया के अस्तित्व को समाप्त करने के निर्णय को वापस ले।