Jamtara: उन्मादी हिंसा में घायल की माैत के बाद भड़का आक्रोश, डुगडुगी बजा आदिवासियों ने फूलजोरी गांव को घेरा
जादूडीह निवासी 22 वर्षीय महेश्वर मुर्मू 3 जून को ससुराल फूलजोरी से शाम को अपने घर बाइक से जा रहा था। इसी दौरान उसकी बाइक की टक्कर सड़क किनारे खटिया में बैठी दो महिलाओं से हो गई।
जामताड़ा, जेएनएन। जामताड़ा जिले के फूलजोरी गांव में तीन जून को उन्मादी हिंसा में घायल आदिवासी युवक महेश्वर मुर्मू की सोमवार को रांची में इलाज के दाैरान मृत्यु हो गई। युवक का शव जामताड़ा पहुंचने पर मंगलवार को आदिवासी समुदाय भड़क गया। डुगडुगी बजाकर लोगों को जुटाया। इसके बाद पारंपरिक हथियारों से लैस होकर फूलजोरी गांव को घेर लिया। साथ ही शव को सड़क पर रख विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी महेश्वर की पीट-पीटकर हत्या करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज कर तत्काल गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। शव के साथ प्रदर्शन व तनाव की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची। पुलिस ने झामुमो के जिला अध्यक्ष श्यामलाल मुर्मू, अशोक मंडल के सहयोग से आदिवासियों को समझाया। इसके बाद वे शांत हुए।
सड़क दुर्घटना के बाद हुई उन्मादी हिंसा : जादूडीह निवासी 22 वर्षीय महेश्वर मुर्मू 3 जून को ससुराल फूलजोरी से शाम को अपने घर बाइक से जा रहा था। इसी दौरान उसकी बाइक की टक्कर सड़क किनारे खटिया में बैठी दो महिलाओं से हो गई। इस घटना में एक महिला गंभीर रूप से जख्मी हो गई। इसके आक्रोश में फूलजोरी के 5 -7 लोग जुटे और महेश्वर की लाठी-डंडे से पिटाई शुरू कर दी। महेश्वर के सिर, गर्दन आदि कई जगहों गंभीर चोटे आई। घटना के बाद उसे जामताड़ा सदर अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया था। अगले दिन उसे पीएमसीएच में इलाज के लिए भेजा गया। धनबाद में उसकी स्थिति गंभीर देख कर जब उसे रांची के लिए रेफर किया गया तो परिजन महेश्वर को सीधा घर ले आए ।
इसकी जानकारी विधायक इरफान अंसारी व जीप अध्यक्ष दीपिका बेसरा को मिली तो 7 जून को दोनों के सहयोग से महेश्वर को इलाज के लिए रांची भेजवाया। 8 जून को उसकी मौत इलाज के दौरान रांची में हो गई। वहां से शव लाने के बाद मंगलवार को शव साथ आक्रोशित आदिवासी कार्रवाई की मांग को लेकर फूलजोरी गांव पहुंच गए। भीड़ हत्या का बदला लेने पर उतारू थी। चौतरफा डुगडुगी बजा दी गई। सैकड़ों की संख्या में आदिवासी जुटने लगे। इस बीच सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर मनोज कुमार, झामुमो नेता श्यामल हेंब्रम, अशोक मंडल आदि नेता पहुंच गए। सभी लोग तनाव को खत्म करने में लगे हैं।