पुरानी पेंशन के लिए संसद घेरने की तैयारी में AIRF, पुरी अधिवेशन में रेलवे का चक्का जाम करने की चेतावनी
पुरानी पेंशन कोई दान नहीं बल्कि रेल कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा है। इसे वापस लेने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। नई पेंशन योजना के विरोध में केंद्रीय कर्मचारी राज्य कर्मचारी और शिक्षकों को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद: पुरानी पेंशन कोई दान नहीं, बल्कि रेल कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा है। इसे वापस लेने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। नई पेंशन योजना के विरोध में केंद्रीय कर्मचारी, राज्य कर्मचारी और शिक्षकों को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व में बड़े आंदोलन की तैयारी चल रही है। देशभर के सभी सरकारी कर्मचारी, राज्य कर्मचारी और केंद्रीय कर्मचारी एकजुट होकर हिस्सा लेंगे। प्रथम चरण में राज्य स्तर पर नए पेंशन के विरुद्ध आंदोलन की शुरुआत कर देश भर से पांच लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को दिल्ली बुलाया जाएगा। दूसरे चरण में संसद का घेराव करेंगे। यह कहना है ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के अध्यक्ष डा. एन कन्हैया व राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा का।
भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी में आयोजित फेडरेशन के 98वें अधिवेशन को संबोधित कर रहे फेडरेशन के शीर्ष पदाधिकारियों ने कहा कि कहा कि संसद घेराव के बाद भी मांगें नहीं सुनी गई तो किसी भी हद तक जाने को तैयार है। अंतिम चरण में अगर सरकार ने मजबूर किया तो रेल का चक्का जाम करने से भी पीछे हटने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि वैसे तो रेलमंत्री ने कई बार मुलाकात के दौरान कह चुके हैं कि जो काम रेल कर्मचारी कुशलता पूर्वक कर रहे है, उन्हें कभी आउटसोर्स नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार चोर दरवाजे से टुकड़ों में निजीकरण की साजिश कर रही है जो फेडरेशन को यह कतई मंजूर नहीं है। कोरोना अवधि के महंगाई भत्ते का एरियर के भुगतान का मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है। इस मसले पर भी बात हो रही है। रेलवे बोर्ड के समक्ष फेडरेशन ने कई महत्वपूर्ण मांगों को रखा है और उचित फोरम पर चर्चा की जा रही है।
इन मांगों में रनिंग कर्मचारियों को उच्च ग्रेड पे देने, जोखिम भरा काम करने वाले सभी रेलकर्मियों को जोखिम भत्ता देने, सभी निम्न ग्रेड पे के कर्मचारियों को 4200 तक का ग्रेड पे देने, रिक्त पदों पर बहाली आदि शामिल हैं।
इधर, ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के मीडिया प्रभारी एनके खवास ने बताया कि राष्ट्रीय अधिवेशन में यूनियन के अध्यक्ष डीके पांडेय, कार्यकारी अध्यक्ष एसएसडी मिश्रा, उपाध्यक्ष मनीष कुमार, सहायक महामंत्री ओमप्रकाश, एके दा, बीके झा, महेंद्र प्रसाद महतो, सुनील कुमार सिंह, आरएन चौधरी, बसंत दुबे, आइएम सिंह, अजीत कुमार, एसके श्रीवास्तव, आरएन विश्वकर्मा, रुपेश कुमार, सोमेन दत्ता समेत धनबाद के कई कर्मचारी शामिल हुए हैं।