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किसानों की मेहनत पर अपनी पीठ थपथपा गया कृषि विभाग

धनबाद : जिला परिषद मैदान में मंगलवार को जिला स्तरीय किसान मेला का आयोजन किया गया था। इस मे

By Edited By: Published: Wed, 21 Feb 2018 02:59 AM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2018 09:10 AM (IST)
किसानों की मेहनत पर अपनी पीठ थपथपा गया कृषि विभाग
किसानों की मेहनत पर अपनी पीठ थपथपा गया कृषि विभाग
धनबाद : जिला परिषद मैदान में मंगलवार को जिला स्तरीय किसान मेला का आयोजन किया गया था। इस मेला में सभी प्रखंडों से किसान अपने उत्पाद लेकर पहुंचे थे। किसानों की मेहनत लहलहा रही थी और कृषि विभाग अपनी पीठ थपथपा रहा था। अधिकांश किसान इस बात से नाराज थे कि उन्हें खेती करने के लिए कृषि विभाग की ओर से कोई मदद नहीं मिली है। वे अपने दम पर बीज, खाद, पानी तक की व्यवस्था करने के बाद एक अच्छी फसल और पैदावार करने में कामयाब हुए थे। किसानों के इस दर्द को मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष रोबिन गोराई भी समझे और जमकर बरसे। गोराई सीधे किसानो से ही मुखातिब हो गए। पूछा कि जो फसल लेकर किसान मेला में आए हैं क्या उसमें कृषि विभाग से उन्हें कोई मदद मिली है। जवाब ना में था। उन्होंने किसानों को इसके लिए धन्यवाद दिया और कहा कि सरकार ने कृषि विभाग का अधिकार जिला परिषद को दिया है, लेकिन पहली बार विभाग ने अपने कार्य के लिए उन्हें बुलाया है। आज तक कभी भी जिला परिषद को कृषि विभाग के कार्यो से अवगत नहीं कराया गया। किसानों के लिए सरकार की सभी योजनाएं लूट-खसोट में चली जाती हैं। किसान के कारण ही आम से लेकर खास तक का पेट भरता है। योजनाओं का लाभ किसानों को मिलता है या नहीं इसके लिए जिला से प्रखंड स्तर पर निगरानी समिति होनी चाहिए। उन्होंने खुले मंच से बीते दो वित्तीय वर्षो में कृषि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं पर खर्च की गई राशि का व्यौरा मांगा। विशिष्ट अतिथि विधायक राज सिन्हा ने कहा कि खेती के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए काम कर रही है। खेती के लिए तकनीकी विकास एवं आधुनिक खेती की ओर ध्यान दिया जा रहा है। विभिन्न फसलों की लगी प्रदर्शनी : प्रदर्शनी में गेहूं, सरसो, अरहर, गोभी के कई प्रकार, मूली, गाजर, टमाटर, आलू, मटर, शलजम, गन्ना, बैगन, लौकी, कोहड़ा, पपीता, अमरूद, नींबू, बेल, प्याज, चना आदि को शामिल किया गया था। एक किलो से लेकर 15 किलो तक की लौकी के अलावा सूरन आदि भी देखने लायक थे। इसके अलावा कृषि मशीनों को भी इसमें प्रदर्शित किया गया था। प्रदर्शनी के समापन पर किसानों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

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