बीसीसीएल की हिटलरशाही रवैया के खिलाफ निचितपुर में इंटक देगी धरना
बीसीसीएल के द्वारा रैयती भूमि पर भारी वाहनों के परिचालन कराए जाने से खेती योग्य जमीन बरबाद हो रहा है।
जेएनएन, सिजुआ: बीसीसीएल के द्वारा रैयती भूमि पर भारी वाहनों के परिचालन कराए जाने से खेती योग्य जमीन बरबाद हो रहा है। कंपनी ने न तो जमीन का अधिग्रहण किया है और न ही रैयतों को नियोजन व मुआवजा दिया है। कंपनी की इस हिटलरशाही रवैया के खिलाफ 24 नवंबर को निचितपुर कोलियरी कार्यालय के समक्ष इंटक के बैनर तले रैयत एकदिनी धरना देंगे। उक्त बातें युवा इंटक के प्रदेश अध्यक्ष चीकू खान उर्फ समीर तथा जिलाध्यक्ष पंकज कुमार शर्मा ने रविवार को तालतल्ला में पत्रकारों से कहीं। नेताद्वय ने कहा कि निचितपुर में आउटसोìसग के माध्यम से कोयला खनन का कार्य प्रगति पर है। कोयला व ओबी लदे वाहनों की आवाजाही मेघा महतो, फागु महतो की जमीन से हो रही है, जबकि निचितपुर परियोजना का पानी तिलक प्रसाद एवं हरेंद्र सिंह की जमीन पर बहाया जा रहा है। परिणामस्वरूप उर्वर जमीन बेकार हो गया है साथ ही दूषित पानी के बहाव से तालाब में मत्स्य पालन प्रभावित हो गया है। कंपनी की लापरवाही के चलते जीविकोपार्जन का साधन छीन गया है। रैयतों के द्वारा अधिग्रहण की दिशा में कदम उठाने का आग्रह किए जाने के बावजूद प्रबंधन की? ओर से पहल नहीं की जा रही है। बीसीसीएल द्वारा उक्त जमीन को नेशनलाइजेशन व लीज होल्ड बताकर मामले को लटकाया जा रहा है, जबकि रैयत पहले से मालगुजारी व खेतीबारी कर जीवन यापन करते आ रहे हैं। अगर धरना देने के बाद भी सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया तो चक्का जाम करने को बाध्य होंगे। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश को-ऑíडनेटर मुस्तकीम अंसारी, वीरेंद्र पासवान, ध्रुव महतो, विजय महतो, माथुर महतो, शहजादा आलम, दिनेश निषाद, कृष्णा निषाद, चिंटू सिंह आदि उपस्थित थे।